
अमेरिका ने ईरान के खिलाफ अपने सबसे तेज और खतरनाक सैन्य अभियान का नाम ऑपरेशन मिडनाइट हैमर रखा। इस ऑपरेशन में महज 25 मिनट में ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने का दावा हुआ है। अमेरिकी वायु सेना ने ईरान के फोर्ड, नतांज और इफ्हान में स्थित तीन परमाणु ठिकानों पर हमले किए। ये हमले 7 स्टील्थ बी2 बॉम्बर्स से हुए, जिसमें 12 भारी बम गिराए गए। इस बेहद गोपनीय मिशन में 125 से ज्यादा विमान शामिल थे और एक खास डिस्पेशन यानी की चालबाजी की रणनीति भी अपनाई गई। व्हाइट हाउस ने इस पूरे मामले पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया जिसमें ज्वाइटं चीफ ऑफ स्टॉफ के चेयरमैन जनरल डैन किन भी थे। उन्होंने बताया कि 7 स्टील्थ बी2 बॉम्बर्स ने इस ऑपरेशन में हिस्सा लिया। इन बम वर्षक विमानों ने ईरान के फोर्ड, नतांज परमाणु स्थलों पर तीस हजार पाउंड यानी 13608 किलोग्राम के वजनी बंकर बस्टर बम गिराए। जबकि इस्फहान पर टॉम हॉक क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल हुआ।
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30,000 पाउंड वजनी ‘बंकर-वस्टर बम’ का इस्तेमाल
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा, अमेरिकन स्टेल्थ वॉम्बर ने 30,000 पाउंड वजनी ‘बंकर-वस्टर बम’ से जमीन के अंदर ईरानी एटमी ठिकानों को तबाह किया।’बंकर-बस्टर बम’ का इस्तेमाल जमीन के अंदर टारगेट को डॉनल्ड ट्रंप निशाना बनाने में किया जाता है। ट्रंप ने कहा कि अगर ईरान ने अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की तो और अधिक हमले करेंगे। ईरान में शांति होगी या फिर त्रासदी। इस्राइल के पीएम बेन्यामिन नेतन्याहू ने ट्रंप से कहा कि एटमी ठिकानों को निशाना बनाने का आपका साहसिक फैसला इतिहास बदल देगा।
क्यों है इस बम की जरूरत ?
पिछले एक सप्ताह में इजरायली हमलों से ईरान के कई सैन्य और परमाणु ठिकानों को गंभीर नुकसान हुआ था, लेकिन फोर्डो यूरेनियम संवर्धन संयंत्र तब भी सुरक्षित था। IAEA ने बताया था कि ये अत्यंत गहराई में स्थित है, जिससे इसे नष्ट करना बेहद कठिन है।
कितनी है इसकी क्षमता ?
GBU-57 वम फटने से पहले 200 फीट (61 मीटर) जमीन में घुसने में सक्षम है। 6.6 मीटर लंबे GBU-57 वम में एक विशेष फ्यूज भी है। बंकर को तबाह करने के लिए एक ऐसे विस्फोटक की जरूरत होती है जो जमीन से टकराते ही तुरंत विस्फोट न करे। जमीन के लगभग 61 मीटर अंदर जाने के वाद ही बम का फ्यूज एक्टिवेट होता है। फिर बम फटता है।
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B-2 वमवर्षक से इसे गिराया जाता है
GBU-57 बम को ले जाने और गिराने में सक्षम एकमात्र विमान है अमेरिकी B-2 वमवर्षक, जो स्टील्थ तकनीक से लैस है। इनमें से कुछ बमवर्षक मई की शुरुआत में डिएगो गार्सिया पर तैनात किए गए थे, जो हिंद महासागर में अमेरिकी-ब्रिटिश सैन्य अड्डे की साइट है। यह काफी लंबी दूरी तक उड़ान भरने में सक्षम है। यहां तक यह अमेरिका से बमवारी करने के लिए मध्य पूर्व तक उड़ान भरने में सक्षम हैं। ऐसा पहले भी किया जा चुका है। हर अमेरिकी B-2 दो GBU-57 बम ले जा सकता है। ईरानी साइट फोर्डों के खत्म करने के लिए कई बमों की जरूरत होगी।
कितनी है कीमत?
बी-2 स्परिट स्टील्थ बॉम्बर अमेरिकी वायुसेना का वो हथियार है, जिसे न तो रडार पकड़ सकता है। न हीं सैटेलाइट ट्रैक कर सकती है। अमेरिकी वायुसेना का ये सबसे महंगा और उन्नत हथियार है। इसकी कीमत करीब 2 बिलियन डॉलर प्रति यूनिट है। वर्तमान में अमेरिका के पास केवल 20 बीटू बॉम्बर हैं।
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