
World Anti-Drug Day: विश्व नशा विरोधी दिवस (Anti Drug Day) के मौके पर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में ऐसे पोस्टर्स सामने आए हैं, जो सीधे तौर पर सरकार की ड्रग्स के खिलाफ नीतियों और कामकाज पर सवाल उठाते हैं. शहर के कई इलाकों में गुमनाम पोस्टर्स लगाए गए, जिनमें एक बड़ा सवाल उभरा “तो अब सब कुछ ठीक हो गया है?” इसके अलावा पोस्टर्स में कई आलोचनात्मक संदेश भी लिखे गए हैं, “घर को तो दुरुस्त किया, लेकिन सूबे को नशे में डुबो दिया”… “राज्य को तबाह कर दिया”… “अपने घर को तो संवार लिया”
इन पोस्टर्स की खास बात यह रही कि ये उसी दिन सामने आए जब सरकार ने नशा विरोधी दिवस पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया. यह विरोधाभास सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर रहा है. कुछ पोस्टर्स में केरल के मुख्यमंत्री की तस्वीर भी लगाई गई है, जिससे यह साफ संकेत मिलता है कि विरोध सीधे सरकार और शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ है.
पोस्टर्स के पीछे कौन लोग?
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इन पोस्टर्स के पीछे कौन लोग हैं. प्रशासन की ओर से इस मामले में अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया हैकेरल सरकार नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाने का कोशिश कर रही है. इसके लिए सरकार नशा मुक्त समाज बनाने के उद्देश्य से बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी अभियान चला रही है. समाज के विभिन्न वर्गों में नशीली दवाओं के खतरे को खत्म करने के उद्देश्य से कार्यक्रमों की एक श्रृंखला की घोषणा करते हुए, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार (25 जून) को तिरुवनंतपुरम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अनुरूप 26 जून को नशीली दवाओं के खिलाफ अभियान का पांचवा चरण शुरू किया जाएगा. यह अभियान 30 जनवरी, 2026 तक चलेगा. हालांकि, अब सरकार के ही खिलाफ कुछ अज्ञात लोग काम कर रहे हैं.
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