
Gold Loan: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को गोल्ड लोन के नियमों में बड़े बदलाव किए, जो जल्द ही लागू होने वाले हैं. इन नए नियमों में LTV रेश्यो का बढ़ना, 2.5 लाख रुपये तक के गोल्ड लोन को क्रेडिट अप्रेजल से छूट जैसी कई बातें शामिल हैं. एक और नियम लागू होने की बात की है, जिसके तहत गोल्ड ज्वेलरी खरीदने की रसीद दिखाने पर ही गोल्ड लोन मिलेगा.
रसीद न हो तो फिर?
RBI ने अपने ड्राफ्ट प्रपोजल में कहा है कि गोल्ड लोन ओनरशिप को लेकर संदेह होने पर बैंक या NBFC लोन नहीं देंगे. यानी कि अब अगर आप सोना गिरवी रखकर उसके एवज में लोन लेने की बात सोच रहे हैं, तो पहले आपको रसीद दिखानी होगी.
मान लीजिए कि अगर आपके पास ओरिजिनल रसीद नहीं है, तो आपको सेल्फ-डिक्लेरेशन देना होगा. यानी कि आपको यह साबित करना होगा कि आपको गहने विरासत में मिले हैं और इस पर अभी आपका मालिकाना हक है. दरअसल, बैंक या NBFC गिरवी रखी जा रही सोने के ओरनशिप वेरिफिकेशन को अपने पास रखेंगे.
विरासत में मिले गहनों का क्या?
कई बार हमें अपने माता-पिता से या शादी-ब्याह के मौके पर सोने के गहने मिलते हैं. इस स्थिति में रसीद मिलने की संभावना न के बराबर होती है, तो क्या ऐसर गोल्ड ज्वेलरी को गिरवी रखकर लोन नहीं लिया जा सकता?
इसका जवाब है कि अगर आपको सोने के गहने विरासत में मिले हैं और आपके पास इसकी रसीद नहीं है, तो भी आपको लोन मिल सकता है, बशर्तें सोना असली और मान्य हो. इस स्थिति में लैंडर्स सोने की शुद्धता, वजन, मार्केट वैल्यू जैसी चीजों को परख कर देखेंगे. इसके अलावा, लोन के लिए अप्लाई करने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स जैसे कि पैन कार्ड, आधार कार्ड, एड्रेस प्रूफ, पासपोर्ट भी हाथोंहाथ तैयार रखें.
RBI का मकसद छोटे कर्ज वाले ग्राहकों को पारदर्शी तरीके से लोन मुहैया कराना है ताकि उन्हें ज्यादा भरोसा और सुरक्षा दोनों मिले. साथ ही धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग पर भी रोक लगाई जा सके. रिजर्व बैंक ने 9 अप्रैल को गोल्ड लोन के नए नियमों का ड्राफ्ट जारी किया था. गोल्ड लोन के मामलों में आरबीआई बैंक और एनबीएफसी के लिए एक समान नियम तय करना चाहता है कि ताकि ग्राहकों को किसी तरह का कोई कंफ्यूजन या परेशानी न हो.
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