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अमेरिका के न्यूअर्क एयरपोर्ट पर भारतीय छात्र से बदसलूकी का वीडिया 9 जून को सामने आया था।
अमेरिका के न्यूजर्सी में भारतीय छात्र को जमीन पर पटकने, हथकड़ी लगाने और डिपोर्ट करने के मुद्दे पर भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने मंगलवार को बयान दिया। दूतावास ने कहा कि अमेरिका में अवैध एंट्री बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अमेरिकी दूतावास ने X पर लिखा- अमेरिका अपने देश में वैध यात्रियों का स्वागत करता है। हम अवैध एंट्री, वीजा का दुरूपयोग या अमेरिकी कानून के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
भारतीय ने शेयर किया था VIDEO, लिखा- अपराधी जैसा व्यवहार
इससे पहले भारतीय मूल के अमेरिकी बिजनेसमैन कुणाल जैन ने रविवार को इस घटना वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था। जैन ने X पर लिखा- मैंने न्यूअर्क एयरपोर्ट पर एक युवा भारतीय छात्र को हथकड़ी लगाकर, रोते हुए, अपराधी की तरह ट्रीट होते देखा।
जैन ने बताया कि छात्र हरियाणवी में कह रहा था, ‘मैं पागल नहीं हूं, ये लोग मुझे पागल साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।’ वीडियो में एयरपोर्ट अधिकारियों ने छात्र को जमीन पर पटका और उसे हथकड़ी लगाई। इसके बाद उसे भारत डिपोर्ट कर दिया गया। अभी तक यह साफ नहीं है कि छात्र को किस वजह से डिपोर्ट किया गया।

अधिकारियों ने भारतीय छात्र को हथकड़ी लगाकर जमीन पर पटक दिया।

छात्र ने कहा कि वो पागल नहीं है, उसे जबरदस्ती पागल साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।

अमेरिकी अधिकारियों की कैद में भारतीय छात्र।
भारत सरकार से अपील- छात्र के बारे में पता लगाएं
कुनाल जैन ने कहा था, “बच्चे वीजा लेकर सुबह फ्लाइट से आते हैं। किसी कारण से इमिग्रेशन अथॉरिटीज को अपने आने का कारण समझा नहीं पाते और शाम की फ्लाइट से हाथ-पैर बांधकर, मुजरिमों की तरह भेज दिए जाते हैं। हर दिन 3-4 ऐसे मामले हो रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में ऐसे केस ज्यादा बढ़ गए हैं।”
जैन ने भारतीय दूतावास, अमेरिका और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की। उन्होंने लिखा था,”पता लगाना चाहिए कि इस छात्र का क्या हो रहा है।”
कांग्रेस बोली- भारतीयों के अपमान पर मोदी चुप
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर X पर लिखा, “अमेरिका में लगातार भारतीय नागरिकों को अपमानित किया जा रहा है। हर दिन ऐसी खबरें आ रही हैं और नरेंद्र मोदी चुप्पी साधे हुए हैं। मोदी सरकार भारतीयों के सम्मान की रक्षा करने में नाकाम साबित हुई है। हमारी मांग है कि नरेंद्र मोदी को ट्रंप प्रशासन से भारतीयों के अपमान को लेकर बात करनी चाहिए। ये वक्त सरेंडर का नहीं है, ये वक्त अपनों के साथ खड़े होने का है।
भारतीय दूतावास बोला- अधिकारियों के संपर्क में हैं
न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। दूतावास ने लिखा कि हम इस संबंध में स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं। हम भारतीय नागरिकों की भलाई के लिए हमेशा तत्पर हैं।
- अमेरिका ने विदेशी छात्रों पर सख्ती बढ़ाई
- यह घटना ऐसे वक्त पर हुई है, जब अमेरिकी सरकार अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर सख्ती बढ़ा रही है और बिना नोटिस के वीजा रद्द कर रही है। फिलिस्तीन के समर्थन से लेकर ट्रैफिक उल्लंघन तक, अलग-अलग वजहों से छात्र कानूनी मुश्किलों में पड़ जाते हैं।
- अमेरिकी सरकार ने दो हफ्ते पहले विदेशी छात्रों के लिए नए वीजा इंटरव्यू पर रोक लगा दी है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इसे लेकर एक आदेश जारी किया था। आदेश का मकसद देश की यूनिवर्सिटीज में यहूदी विरोध और वामपंथी विचारों को रोकना है।
- रुबियो ने दुनिया भर में अमेरिकी दूतावासों को आदेश जारी कर कहा- वे स्टूडेंट वीजा के लिए नए इंटरव्यू शेड्यूल न करें, क्योंकि ट्रम्प सरकार अमेरिका आने वाले छात्रों के सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच को और सख्त करने जा रही है।
- उन्होंने आगे कहा- तत्काल प्रभाव से कांसुलर सेक्शन आगे के दिशानिर्देश जारी होने तक स्टूडेंट या एक्सचेंज विजिटर (F, M और J) वीजा के लिए नए अपॉइंटमेंट की इजाजत न दे।

क्लास छोड़ी तो विदेशी छात्रों का वीजा रद्द होगा
ट्रम्प प्रशासन का कहना है कि कोई विदेशी छात्र बिना जानकारी कोर्स छोड़ता है, क्लास नहीं जाता या पढ़ाई बीच में छोड़ता है, तो उसका स्टूडेंट वीजा रद्द किया जा सकता है। भारत में अमेरिकी दूतावास ने कुछ समय पहले एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। दूतावास ने किसी भी समस्या से बचने के लिए हमेशा अपनी वीजा शर्तों का पालन करने के लिए कहा।
दूसरी तरफ, ट्रम्प सरकार ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के साथ 850 करोड़ रुपए (लगभग 100 मिलियन डॉलर) के कॉन्ट्रैक्ट को रद्द कर दिया है। यह फैसला 28 मई 2025 को लिया गया। सरकार पहले ही इस आइवी लीग स्कूल के लिए 22 हजार करोड़ रुपए से अधिक की मदद रोक चुकी है।

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