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अमेरिका और चीन के शीर्ष अधिकारियों ने लंदन में बैठक की।
अमेरिका और चीन के अधिकारियों के बीच लंदन में 9-10 जून को हुई बातचीत के बाद ट्रेड को आगे बढ़ाने के लिए एक फ्रेमवर्क पर सहमति बनी है। यह वार्ता दोनों देशों के बीच टैरिफ विवाद को सुलझाने के लिए हुई।
अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक ने मंगलवार को कहा कि इस सहमति से रेयर अर्थ मिनरल्स और मैग्नेट्स से जुड़ी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। उन्होंने बताया कि यह फ्रेमवर्क पिछले महीने जेनेवा में हुए समझौते को मजबूती देता है।
लुटनिक ने बताया इस समझौते में कुछ अमेरिकी एक्सपोर्ट रिस्ट्रिक्शन को हटाने की भी बात हुई। उन्होंने ने कहा, “हम इस फ्रेमवर्क को राष्ट्रपति ट्रम्प के पास ले जाएंगे और उनकी मंजूरी के बाद इसे लागू करेंगे।” दूसरी ओर, चीन इसे राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने रखेगा।

अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और चीनी उप प्रधानमंत्री हे लिफेंग 9 जून को लंदन के लैंकेस्टर हाउस में चर्चा के दौरान फोटो खिंचवाते और हाथ मिलाते हुए।
इस डील से अमेरिका को अर्थ मिनरल्स मिलने की उम्मीद
ये फ्रेमवर्क अमेरिका के लिए बहुत जरुरी है। इस डील से अमेरिका को रेयर अर्थ मिनरल्स मिल सकते हैं, जिनका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक वाहनों और सेफ्टी इक्यूपमेंट के लिए होता हैं।
यह फ्रेमवर्क अभी अंतिम नहीं है। इसे लागू करने से पहले दोनों देश अपने नेताओं की मंजूरी लेंगे। अमेरिका इसे राष्ट्रपति ट्रम्प के सामने रखेगा, और चीन इसे राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने प्रस्तुत करेगा।
अगर किसी एक ने भी इसे खारिज किया, तो ये प्रक्रिया फिर रुक सकती है। अमेरिका और चीन के बीच लम्बे समय से जारी ट्रेड वॉर ने वैश्विक सप्लाई चेन को प्रभावित किया था। यह समझौता इसे सुधार सकता है।
अमेरिका और चीन ने टैरिफ में कटौती का ऐलान किया था
इससे पहले अमेरिका और चीन के बीच 11 मई को जेनेवा में ट्रेड डील पर सहमति बनी थी। दोनों देशों ने टैरिफ में 115% कटौती का ऐलान किया था।
जिनेवा में दोनों देशों के बीच हुए समझौते के मुताबिक अमेरिका, चीनी सामानों पर 30% टैरिफ लगाएगा। वहीं चीन, अमेरिकी सामानों पर 10% टैरिफ लगाएगा। दोनों देशों के बीच टैरिफ में यह कटौती फिलहाल 90 दिनों के लिए हुई।

अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था- ये घाटा कम करने के लिए अच्छी डील
व्हाइट हाउस ने 11 मई को एक बयान में चीन से व्यापार समझौते की घोषणा की थी। हालांकि व्हाइट हाउस ने तब इसकी डिटेल नहीं दी थी।
अमेरिकी अधिकारियों ने इसे व्यापार घाटा कम करने के लिए एक डील बताया था, जबकि चीनी अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच अहम सहमति बनी है और नए सिरे से आर्थिक बातचीत शुरू करने पर सहमति हुई है।
पिछले महीने ट्रम्प ने चीनी सामानों पर 145% टैरिफ लगा दिए थे, जिसके बदले चीन ने भी अमेरिकी सामान पर 125% तक का टैरिफ लगा दिया था। जिससे दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच सालाना 600 अरब डॉलर का व्यापार लगभग रुक गया था।
रेयर अर्थ मिनरल्स क्या हैं?
- रेयर अर्थ एलिमेंट कुल 17 होते हैं, जिनमें लैंथेनम, नियोडियम, प्रासियोडियम जैसे मिनरल्स शामिल हैं। ये दिखने में आम खनिज जैसे लगते हैं, लेकिन इनमें विशेष मैग्नेटिक और इलेक्ट्रॉनिक गुण होते हैं जो उन्हें तकनीकी उत्पादों के लिए जरूरी बनाते हैं।
- ये “रेयर” (दुर्लभ) कहलाते हैं, ये धरती के अंदर पाए जाते हैं। साथ ही इन्हें निकालने और इनका प्यूरिफिकेशन प्रोसेस काफी जटिल और महंगा होता है।
- रेयर अर्थ मिनरल्स का इस्तेमाल कई आधुनिक तकनीकों और इंडस्ट्री में होता है। जिनमें इलेक्ट्रॉनिक्स (स्मार्टफोन, लैपटॉप, और टीवी), इलेक्ट्रिक वाहन, विंड टरबाइन, सौर पैनल और बैटरी शामिल है।
- चीन रेयर अर्थ मिनरल्स का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है। यह वैश्विक आपूर्ति का लगभग 60-70% हिस्सा कंट्रोल करता है। 2023 तक, चीन ने अपनी खनन और प्यूरिफिकेशन प्रोसेस में भारी निवेश किया।

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