
नए सेशन से पहले अलर्ट मोड पर संस्थान
देशभर के विश्वविद्यालयों में नए सत्र की एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसी को ध्यान में रखते हुए यूजीसी ने सभी संस्थानों चाहे वो IIT, IIM, NIT, मेडिकल, लॉ, इंजीनियरिंग या मैनेजमेंट कॉलेज हों को सख्ती से एंटी-रैगिंग रेग्युलेशन 2009 और नई संशोधित गाइडलाइन का पालन करने को कहा है.
कैंपस में दिखेगी सख्ती
अब हर संस्थान को अपने कैंपस में एंटी-रैगिंग कमेटी बनानी होगी. ये कमेटी कैंटीन, हॉस्टल, शौचालय, बस स्टैंड जैसे स्थानों का औचक निरीक्षण करेगी. इसके अलावा अब डार्क प्लेस यानी ऐसे कोने जहां आमतौर पर निगरानी नहीं होती, वहां CCTV कैमरे लगाने होंगे. छात्रों से संवाद और काउंसलिंग को नियमित रूप से किया जाएगा, ताकि रैगिंग की शुरुआत में ही खतरे को भांपा जा सके.
वीडियो से होगा जागरूकता अभियान
जहां पहले सिर्फ पोस्टर और वर्कशॉप के जरिए छात्रों को जागरूक किया जाता था, अब यूजीसी छोटे-छोटे वीडियो के जरिए अभिभावकों, छात्रों और शिक्षकों तक एंटी-रैगिंग का संदेश पहुंचाएगा. इस कदम का उद्देश्य छात्रों को भावनात्मक और मानसिक स्तर पर भी मजबूत बनाना है.
ऑनलाइन आवेदन में भी बदलाव
अब कॉलेज एडमिशन फॉर्म में एंटी-रैगिंग की जानकारी देनी होगी और छात्रों व उनके माता-पिता से रैगिंग न करने का शपथपत्र लेना अनिवार्य होगा. यह एक कानूनी दस्तावेज होगा जिसमें छात्र यह लिखित रूप में वादा करेगा कि वह किसी भी प्रकार की रैगिंग में शामिल नहीं होगा.
पारदर्शिता के लिए वेबसाइट पर जानकारियां
हर संस्थान की वेबसाइट पर एंटी-रैगिंग कमेटी के सदस्यों के नाम, मोबाइल नंबर, लैंडलाइन, ईमेल आदि की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी. यदि किसी भी तरह की शिकायत आती है तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी.
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