
Pakistan-Turkey Military Coperation: ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद तुर्किए ने पाकिस्तान को सैन्य सहायता देना तेज कर दिया है. यह केवल राजनीतिक समर्थन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें अत्याधुनिक हथियारों की सप्लाई, ड्रोन तकनीक, और नौसैनिक सहयोग भी शामिल है. तुर्किए भारत-पाकिस्तान संघर्ष को केवल आदर्शवाद या कूटनीति के नजरिए से नहीं देखता, बल्कि इसके पीछे रणनीतिक लक्ष्य हैं.
KARGI लोइटरिंग म्यूनिशन, बायरकटर TB2 ड्रोन और YIHA UAVs जैसे हथियारों की सप्लाई पाकिस्तान को मिल रही है, जिससे उसका निगरानी और सटीक हमले करने का सामर्थ्य काफी बढ़ा है. पाकिस्तान ने तुर्किए से जो ड्रोन तकनीक प्राप्त की है, वह उसे न केवल निगरानी मिशन में मदद करती है, बल्कि वास्तविक Battle Ground में मजबूती से टिकने की ताकत भी देती है. तुर्किए ने पाकिस्तान को KARGI ड्रोन (Loitering Munition) दिए हैं, जिसकी रेंज 500 समुद्री मील है. ये 15,000 फीट ऊंचाई पर उड़ सकता है. 18 किग्रा वारहेड रखने की क्षमता है. इसके लिए पाकिस्तान और तुर्किए के बीच में 20 मिलियन डॉलर का संभावित सौदा हुआ है. इसके अलावा तुर्किए ने Bayraktar TB2, YIHA UAVs और Aselsan सोंगर ड्रोन दिए हैं. वहीं तुर्किए ने हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और छोटे हथियार भी दिए हैं.
तुर्किए-पाकिस्तान के बीच नौसैनिक साझेदारी
तुर्किए पाकिस्तान को केवल ड्रोन और मिसाइल नहीं दे रहा, बल्कि उसकी नौसेना क्षमताएं भी बढ़ा रहा है. दोनों के बीच $1.5 बिलियन का सौदा हुआ है, जिसमें चार MILGEM-क्लास कोरवेट्स पाकिस्तान को मिलेंगे. Agosta 90B पनडुब्बियों को अपग्रेड किया जाएगा साथ ही समुद्री निगरानी ड्रोन और रडार सिस्टम को अपग्रेड किया जाना है. इस सहयोग से पाकिस्तान की नौसेना हिंद महासागर में ज्यादा प्रभावी भूमिका निभा सकती है.
भारत की रणनीतिक चिंता और जवाबी कदम
भारत तुर्किए-पाक गठबंधन से चौकन्ना है और इसे भविष्य के संघर्षों में दोहरे मोर्चे की चुनौती के रूप में देख रहा है. LOC पर पाकिस्तान ने फिर से आतंकवादियों के लॉन्चिंग बेस सक्रिय किए हैं. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की प्रतिक्रिया में तुर्किए के दो सैन्य ऑपरेटिव मारे गए थे. इसके अलावा भारत ने ग्रीस, साइप्रस, आर्मेनिया से संबंध मजबूत करने की पहल की है, जो तुर्किए के दुश्मन देश है. काउंटर-ड्रोन सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक वॉर यूनिट्स की खरीद में तेजी लाई जा रही है. इजरायल, फ्रांस और अमेरिका से अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों की डील किए जाने की संभावना बढ़ रही है.
पाकिस्तान-तुर्किए गठबंधन का भू-राजनीतिक आधार
यह गठबंधन केवल हथियारों तक सीमित नहीं है. दोनों देश कुछ साझा एजेंडा और विश्व दृष्टिकोण साझा करते हैं. कश्मीर मुद्दे पर तुर्किए का पाकिस्तान को समर्थन देखने को मिलता है. ग्रीस और साइप्रस के मामले में पाकिस्तान तुर्किए को समर्थन देता है.
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