
US on Israel-Iran War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रॉयटर्स से बातचीत में खुलासा किया कि उन्होंने ईरान को परमाणु समझौते पर राजी होने के लिए 60 दिन का वक्त दिया था, लेकिन कोई समझौता नहीं हो पाया. ट्रंप ने कहा, “वे समझौते के बेहद करीब थे और उन्हें समझौता कर लेना चाहिए था. शायद अब कुछ हो जाए.” ट्रंप ने कहा कि उन्हें ईरान की गतिविधियों की पूरी जानकारी थी, इसलिए ही 60 दिन का समय दिया गया था. “आज 61वां दिन है. हम जानते थे कि क्या हो रहा है,”
ईरान का परमाणु कार्यक्रम अब है या नहीं, कोई नहीं जानता
इजरायल द्वारा ईरान के इस्फहान जैसे ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों के बाद ट्रंप ने कहा कि अब यह भी साफ नहीं है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम अभी भी चालू है या पूरी तरह खत्म हो गया है. उन्होंने इसे “बहुत विनाशकारी हमला” बताया.
बातचीत का मौका अभी भी है
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और ईरान के बीच रविवार को प्रस्तावित परमाणु वार्ता होनी है, लेकिन यह तय नहीं है कि वह अब होगी या नहीं. उन्होंने Walla को बताया कि इजरायली हमले कूटनीतिक बातचीत में बाधा नहीं बनेंगे. शायद अब ईरान गंभीरता से डील करेगा.
CNN से बातचीत में ट्रंप ने इजरायल के हमले को “बहुत सफल” बताया और कहा, “हमने इजरायल का समर्थन वैसा किया है जैसा पहले किसी ने नहीं किया.” अंत में उन्होंने ईरान को चेतावनी दी, “अब भी वक्त है समझौते का, वरना देर हो जाएगी. जिन कट्टरपंथियों से मेरी बातचीत होती थी, वे अब जिंदा नहीं हैं.”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को NBC को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के पास अब भी परमाणु समझौते पर बातचीत का मौका हो सकता है. उन्होंने कहा कि ईरान पहले यह मौका चूक गया, लेकिन अब उसे एक और मौका मिल सकता है. ट्रंप ने यह भी बताया कि ईरानी अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया है और बातचीत फिर से शुरू करने की इच्छा जताई है.
उन्होंने कहा, “अब वे मुझे कॉल कर रहे हैं और कह रहे हैं कि वे समझौता करना चाहते हैं.” यह बयान इजरायल के उन ताजा हवाई हमलों के बाद आया है, जिनमें ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े कई ठिकानों को निशाना बनाया गया है. इन हमलों से अंतरराष्ट्रीय समुदाय में तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.
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