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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने कनाडा के साथ व्यापार वार्ता तुरंत खत्म कर दी है। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट कर कहा कि वे जल्द ही कनाडा पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा करेंगे।
दरअसल, कनाडा ने अमेरिका पर डिजिटल सर्विसेज टैक्स (DST) लगा दिया है। इससे नाराज होकर ट्रम्प ने यह फैसला किया। ट्रम्प ने कहा कि अगले 7 दिनों में कनाडा को बता दिया जाएगा कि उसे अमेरिका के साथ बिजनेस करने के लिए कितना टैरिफ देना होगा।

कनाडा सोमवार से लगा रहा डिजिटल सर्विसेज टैक्स
डिजिटल सर्विसेज टैक्स वह टैक्स होता है, जो ऑनलाइन सर्विस देने वाली कंपनियों से वसूला जाता है। बड़ी विदेशी और घरेलू कंपनियों को, जो कनाडा में ऑनलाइन यूजर्स से पैसा कमा रही हैं, उसे आय पर 3% टैक्स देना होगा।
यह टैक्स ऑनलाइन मार्केटप्लेस, सोशल मीडिया, ऑनलाइन विज्ञापन और यूजर डेटा बेचने से हुई कमाई पर लागू होगा। यह टैक्स उन कंपनियों पर लागू होता है जिनकी सलाना कमाई 800 बिलियन डॉलर से ज्यादा है।
इससे खासकर अमेरिकी टेक कंपनियां जैसे मेटा, गूगल, एपल, अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट ज्यादा प्रभावित होंगी। कारोबारियों का अनुमान है कि इस टैक्स से अमेरिकी कंपनियों को हर साल दो अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान होगा। इसके साथ ही अमेरिका में 3,000 नौकरियां भी जा सकती हैं।
कनाडा का डिजिटल सर्विसेज टैक्स एक्ट पिछले साल 20 जून, 2024 को कनाडा की संसद में पास हुआ था। हालांकि यह टैक्स 30 जून से लागू होगा। नियम के मुताबिक यह 2022 से पुराने बिलों पर भी लगेगा। यानी टैक्स का पैसा पिछले समय के लिए भी देना होगा।
टैरिफ वॉर से US-कनाडा दोनों को नुकसान
ट्रम्प के टैरिफ को लेकर बातचीत से पीछे हटने के बाद कनाडा के PM मार्क कार्नी ने कहा कि वह कनाडा की जनता के हित में अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखना चाहते हैं।
वहीं, अमेरिका के ट्रेजरी सचिव यानी कि वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि उन्हें पहले से इस टैक्स के लगाए जाने की आशंका थी। लेकिन चूंकि अमेरिका और कनाडा के बीच टैरिफ को लेकर बातचीत चल रही थी, इसलिए उन्हें उम्मीद थी कि कार्नी प्रशासन इसे लागू नहीं करेगा।
बेसेंट ने कहा कि अगर कनाडा DST लागू करता है तो अमेरिका कनाडाई वस्तुओं पर ज्यादा टैरिफ लगाने के लिए तैयार है, हालांकि उन्होंने अभी दर नहीं बताई।
आंकड़ों के मुताबिक, कनाडा, अमेरिका का सबसे बड़ा खरीदार है, जिसने पिछले साल 349 अरब डॉलर (29.14 लाख करोड़ रुपए) का अमेरिकी सामान खरीदा और 413 अरब डॉलर (34.49 लाख करोड़ रुपए) का सामान अमेरिका को बेचा।
अगर अमेरिका, कनाडा पर हाई टैरिफ लगाता है, तो कनाडा भी जवाबी टैरिफ लगा सकता है, जिससे दोनों देशों की इकोनॉमी को नुकसान होगा।

कनाडा में DST खत्म करने की मांग कनाडा की कंजरवेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलीवरे ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वे बातचीत के रुकने से निराश हैं और उम्मीद करते हैं कि वार्ता जल्द शुरू होगी। कई कनाडाई व्यवसाय और संगठन भी सरकार पर दबाव डाल रहे हैं कि कर को लागू न किया जाए क्योंकि इससे अमेरिका के साथ व्यापार तनाव बढ़ सकता है।
कनाडा की व्यापार परिषद और चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी चेतावनी दी कि DST से दोनों देशों के रिश्तों को नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने सरकार से तुरंत DST खत्म करने का प्रस्ताव देने की मांग की ताकि अमेरिका टैरिफ न लगाए।
हालांकि कनाडा ने पीछे हटने के संकेत नहीं दिए हैं। इस महीने की शुरुआत में कनाडा के वित्त मंत्री फ्रेंकोइस-फिलिप शैम्पेन ने कहा था कि यह टैक्स संसद ने पारित किया है, इसलिए इसे लागू किया जाएगा।
ट्रम्प ने कनाडा पर पहले भी टैरिफ लगाए
ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल में कनाडा पर कई टैरिफ लगाए थे। तब सभी कनाडाई निर्यातों पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, लेकिन ज्यादातर कनाडाई सामान को उस टैरिफ से छूट मिल गई थी, अगर वे USMCA (अमेरिका मेक्सिको कनाडा एग्रीमेंट) समझौते का पालन करते थे। USMCA एग्रीमेंट एक तरह का मुक्त व्यापार समझौता है जिसे साल 2020 में ट्रम्प सरकार लेकर आई थी।
इससे पहले साल की शुरुआत में ट्रम्प ने कनाडा को धमकी दी थी कि अगर उसने अमेरिका की शर्तें नहीं मानीं तो वह उस पर आर्थिक दबाव बनाएंगे। इसके बाद अप्रैल में ट्रम्प ने कनाडा के कई सामानों पर 25% टैरफ लगा दिया था, जिसके जवाब में कनाडा ने भी कई अमेरिकी सामानों पर 25% टैरिफ लगा दिया। हालांकि बाद में बातचीत कर इसे कुछ समय के लिए टाल दिया गया था।
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