
Kind Cobras Near Mount Everest: माउंट एवरेस्ट के पास 10 जहरीले सांप मिले हैं, जिनमें 9 किंग कोबरा और 1 मोनोकल्ड कोबरा शामिल हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार जलवायु परिवर्तन के कारण ये सांप ठंडे क्षेत्रों में पहुंच रह…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- माउंट एवरेस्ट के पास 10 बेहद जहरीले सांप मिले हैं.
- वैज्ञानिकों के अनुसार जलवायु परिवर्तन इसका कारण है.
- सांपों का ठंडे क्षेत्रों में मिलना चिंता का विषय बन गया है.
Cobras Found Near Mount Everest: कोबरा को दुनिया के सबसे जहरीले सांपों में शुमार किया जाता है. ये सांप अक्सर ट्रॉपिकल और नम क्षेत्रों जैसे धान के खेत, दलदल और मैंग्रोव जंगलों में पाए जाते हैं. हालांकि क्लाइमेट चेंज के कारण अब ये जहरीले सांप ऐसी जगहों पर भी देखे जा रहे हैं, जहां ये पहले कभी नहीं देखे गए थे. हाल ही में दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट के पास 10 जहरीले सांप मिले हैं, जिनमें 9 किंग कोबरा और एक मोनोकल्ड कोबरा शामिल है. इन सांपों की मौजूदगी ने वैज्ञानिकों को भी चौंका दिया है. एक्सपर्ट्स की मानें तो ये सांप यहां मिलना जलवायु परिवर्तन का असर है.
एक महीने की अवधि में काठमांडू और उसके आसपास के इलाकों में 10 अत्यधिक जहरीले सांप पाए गए. चिंता की बात यह है कि ये सभी सांप हिमालय के पास माउंट एवरेस्ट से मात्र 160 किलोमीटर की दूरी पर पाए गए हैं. वैज्ञानिकों की मानें तो यह केवल अप्रत्याशित घटना नहीं है, बल्कि जलवायु परिवर्तन के व्यापक प्रभावों की चेतावनी है. इन विषैले सांपों का ठंडे क्षेत्रों में पाया जाना इस बात का संकेत है कि अब जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है. इसके अलावा जैव विविधता में हो रहे परिवर्तनों को समझना और स्वीकारना भी बेहद जरूरी है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि इन सांपों का ठंडे इलाकों की ओर जाना कोई सामान्य प्रवास नहीं है. जलवायु परिवर्तन के कारण ये जीव अपने पारंपरिक आवास छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं. शोध से पता चला है कि नेपाल के पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान हर साल औसतन 0.05°C की दर से बढ़ रहा है, जो तराई क्षेत्र की तुलना में ज्यादा तेज है. इससे इन क्षेत्रों में गर्म माइक्रोक्लाइमेट बन रहे हैं, जो इन उष्णकटिबंधीय जीवों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार कर रहे हैं.
वैज्ञानिकों की मानें तो पहाड़ी इलाकों में किंग कोबरा जैसे सांपों का मिलना क्लाइमेट चेंज का असर है, लेकिन रेस्क्यू इंस्ट्रक्टर सुबोध आचार्य की मानें तो यह संभव है कि ये सांप लकड़ी या भूसे के साथ ट्रकों में सवार होकर निचले तराई क्षेत्रों से ऊंचाई वाले इलाकों में पहुंच गए हों. इस तरह की अनजाने में हुई आवाजाही से इन सांपों को नए इलाकों में फैलने में मदद मिली हो सकती है. नेपाल के तराई क्षेत्र में सांप काटने से हर साल करीब 2700 लोगों की मौत हो जाती है. तराई इलाकों में कई तरह की सांपों की प्रजातियां मिलती हैं, लेकिन काठमांडू तक इन सांपों के पहुंचने से यह दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया है.

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें
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