
भारतीयों के बीच इन दिनों एक खास तरह का टूरिज्म खूब पॉपुलर होता जा रहा है. यह है स्टॉपओवर टूरिज्म. इससे समय और पैसे दोनों की बचत होती है.

हाइलाइट्स
- भारतीयों में स्टॉपओवर टूरिज्म पॉपुलर हो रहा है.
- कनेक्टिंग फ्लाइट से पैसे और समय की बचत होती है.
- लंबे ले-ओवर से दो देशों को घूमने का मौका मिलता है.
What is Stopover Tourism: पिछले कुछ साल में भारतीय पर्यटकों की विदेश घूमने की संख्या तेजी से बढ़ी है. ऐसे में दुनिया के कई देश इंडियन टूरिस्ट को लुभाने के लिए कई तरह के ऑफर निकालते हैं ताकि उनके देश की इकोनॉमी में टूरिज्म से इजाफा है. इन दिनों भारतीय पर्यटकों के बीच स्टॉपओवर टूरिज्म खूब पॉपुलर हो रहा है. इसमें यात्रा तो रोमांचक होती ही है, साथ में पैसों की भी अच्छी-खासी बचत होती है.
एविएशन एनालिस्ट रीतिका सैनी कहती हैं कि जब भी कोई व्यक्ति किसी देश की यात्रा करता है तो उसकी कोशिश रहती है कि उसे डायरेक्ट फ्लाइट मिले. लेकिन अक्सर डायरेक्ट फ्लाइट महंगी पड़ती है इसलिए इन दिनों भारतीय यात्री कनेक्टिंग फ्लाइट को चुन रहे हैं. इससे उनके हजारों रुपए बच रहे हैं. वहीं कनेक्टिंग फ्लाइट में लंबे ले-ओवर उन्हें फायदा देते हैं. ले-ओवर यानी दो फ्लाइटों के बीच का समय. इस दौरान यात्री पहली फ्लाइट से उतरकर एयरपोर्ट पर बैठकर दूसरी कनेक्टिंग फ्लाइट का इंतजार करते थे लेकिन अब लोग 8 से 24 घंटे या उससे ज्यादा के ले-ओवर के ऑप्शन चुनने लगे हैं. ताकि वह अपनी फाइनल डेस्टिनेशन पर पहुंचने से पहले ही दूसरा देश भी घूम लें. लंबे ले-ओवर से उन्हें घंटों एयरपोर्ट पर बैठने की जरूरत नहीं है.
कम खर्च में 2 देशों को घूमने का मौका
हर कोई अपने फायदे के बारे में सोचता है. स्टॉपओवर टूरिज्म से जहां यात्रियों को फायदा होता है, वहीं एयरलाइंस को भी मुनाफा होता है. इससे लोग एक ही यात्रा में 2 देशों को घूमने का मजा ले सकते हैं. लंबे ले-ओवर को चुनने से पहले यात्री इस बात का ध्यान रखें कि आपको उस देश में घूमने के लिए ट्रांजिट वीजा के लिए पहले अप्लाई तो नहीं करना. अगर करना है तो यह काम पहले कर लें. कई एयरलाइंस पहले ही अपने पैसेंजर को यह सुविधा देती हैं. ट्रांजिट वीजा कुछ घंटों की अवधि का होता है और नॉर्मल वीजा की कीमत से सस्ता पड़ता है. इसके अलावा लंबे ले-ओवर होने से कई एयरलाइंस स्टॉपओवर पैकेज देती हैं जिसमें सस्ते या फ्री होटल, ट्रांसपोर्ट और फ्री वीजा भी शामिल होता है.
ले-ओवर हमेशा 8 घंटे से ज्यादा का ही चुनें (Image-Canva)
अगर आप अमेरिका, यूरोप, कनाडा या ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की डायरेक्ट फ्लाइट लेते हैं तो यह आपको थका देती है. अधिकतर लोग जेटलेग की समस्या से भी जूझते हैं. लेकिन स्टॉपओवर टूरिज्म यात्रा को आरामदायक और एक्साइटिंग बना देता है क्योंकि आपको बीच-बीच में रुकने की सहूलियत मिलती है और आराम करने से सफर की थकान दूर होती है. साथ में नई जगह को एक्सप्लोर करने से अलग ही ताजगी और एनर्जी महसूस होती है.
इन देशों में पॉपुलर है स्टॉपओवर टूरिज्म
जो फ्लाइट्स लंबी होती हैं और भारत से उड़ान भरती हैं, वह दुबई, अबूधाबी, दोहा, सिंगापुर, इस्तांबुल, एम्स्टर्डम और हेलसिंकी में रूकती हैं. यही से यात्रियों को दूसरी कनेक्टिंग फ्लाइट लेनी होती है. ऐसे में कई मिडिल ईस्ट कंट्री की एयरलाइंस पैसेंजर्स को होटल में ठहरने की सुविधा देती है. सिंगापुर की एयरलाइंस चंगी एयरपोर्ट पर फूड वॉक, बोटैनिकल गार्डन और फैमिली फ्रेंडली लॉन्ज में घूमने का अवसर देती हैं. 8 घंटे से ज्यादा का ले-ओवर यात्रियों को उस देश की संस्कृति और टूरिस्ट डेस्टिनेशन को देखने का सुनहरा मौका देता है.
Active in journalism since 2012. Done BJMC from Delhi University and MJMC from Jamia Millia Islamia. Expertise in lifestyle, entertainment and travel. Started career with All India Radio. Also worked with IGNOU…और पढ़ें
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