
घूमने के बारे में जैसे ही हम सोचते हैं तो दिल खुश हो जाता है. जैसे ट्रैवलिंग के कई तरीके हैं, ठीक वैसे ही ट्रैवलर भी अलग-अलग कैटिगरी के होते हैं. आजकल Flying Naked ट्रैवलर बढ़ने लगे हैं.

हाइलाइट्स
- फ्लाइंग नेकेड ट्रैवलर कम सामान के साथ यात्रा करते हैं.
- वेब चेक-इन से समय और पैसे की बचत होती है.
- यह इको-फ्रेंडली ट्रैवलिंग अप्रोच है.
What is flying naked traveller: Flying Naked यह शब्द सुनने में भले ही अजीब या अटपटा लगे लेकिन घूमने का यह ट्रेंड लोगों के बीच खूब पॉपुलर होने लगा है. इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि बिना कपड़ों के यात्रा करना। इस ट्रेंड में यात्री सामान के बिना और कम बजट में ट्रैवलिंग करते हैं.
इन दिनों ट्रैवलिंग शौक के साथ ही मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रखने का जरिया बन गया है. आए दिन घूमने के तरीकों में बदलाव आ रहे हैं और सोशल मीडिया की बदौलत नए-नए ट्रेंड के नाम सुनने को मिल रहे हैं. आजकल ट्रैवलर कम बजट और सुविधा में ज्यादा घूमना पसंद कर रहे हैं. फ्लाइंग नेकेड का कॉन्सेप्ट यही से आया है. यात्री अब भारी लगेज के साथ यात्रा नहीं करना चाहते. उनके लिए सिर्फ एक हैंडबैग काफी है. यह शब्द केवल हवाई यात्रा करने वाले यात्री के लिए इस्तेमाल होता है.
बेसिक टिकट में यात्रा
जब कोई व्यक्ति हवाई जहाज से यात्रा करता है तो अधिकतर एयरलाइंस उन्हें अपनी पसंद की सीट चुनने का ऑप्शन देती हैं. यहीं नहीं प्री-बोर्डिंग, एक्स्ट्रा बैगेज, मील्स जैसी एक्स्ट्रा सर्विस के सिलेक्शन का भी विकल्प होता है. इन सब चीजों को चुनने से किराए का दाम बढ़ता जाता है. अक्सर लो कॉस्ट एयरलाइंस हर सुविधा का अलग से चार्ज लेती है. ऐसे में फ्लाइंग नेकेड ट्रैवलर लो कॉस्ट एयरलाइंस में बिना किसी एक्स्ट्रा सर्विस लिए बेसिक टिकट में यात्रा करते हैं.
लंबी यात्राओं के लिए फ्लाइंग नेकेड ट्रैवलिंग मुमकिन नहीं है (Image-Canva)
फ्लाइंग नेकेड ट्रैवलिंग में पैसों की बचत के साथ-साथ समय की बचत भी होती है. दरअसल एयरपोर्ट पर अक्सर चेक-इन की लंबी लाइन लगी होती है क्योंकि लोग भारी-भरकम लगेज के साथ एयरपोर्ट पर पहुंचते हैं. फ्लाइंग नेकेड ट्रैवलर पहले ही वेब चेक-इन कर लेते हैं और एक छोटे से बैग या बैकपैक के साथ ट्रैवल करते हैं जो कैबिन बैग की कैटिगरी में आता है. ऐसे में उन्हें चेक-इन की झंझट में नहीं फंसना पड़ता. वहीं जब प्लेन डेस्टिनेशन पर लैंड करता है तो सामान बेल्ट पर बहुत देरी से पहुंचता है. इस दौरान भी बहुत टाइम बर्बाद होता है. ऐसे में फ्लाइंग नेकेड ट्रैवलर प्लेन लैंड होने के तुरंत बाद ही एयरपोर्ट से बाहर निकल जाते हैं.
सामान खोने की नहीं रहती टेंशन
अक्सर लोगों के सामान ट्रैवलिंग के दौरान या एयरपोर्ट पर खो जाते हैं या चोरी हो जाते हैं. फ्लाइंग नेकेड ट्रैवलर को इन सब बातों की चिंता नहीं रहती. वह कम सामान में ट्रैवल करते हैं और उनकी पैकिंग-अनपैकिंग भी जल्दी हो जाती है. वह बिना भार उठाए या सामान कहां रखेंगे, इस चिंता से मुक्त होते हैं.
इको-फ्रेंडली है यह ट्रैवलिंग
फ्लाइंग नेकेड ट्रैवलर अचानक कहीं भी घूमने निकल जाता हैं. ऐसे लोग सोलो ट्रैवलर होते हैं क्योंकि फैमिली के साथ इस तरह से घूमना मुमकिन नहीं है. युवा लोग फ्लाइंग नेकेड ट्रैवलर ज्यादा हैं. उन्हें ना घूमने के लिए ज्यादा तैयारी करनी पड़ती है और ना ही ज्यादा खर्च. फ्लाइंग नेकेड ट्रैवलिंग इको-फ्रेंडली अप्रोच है. दरअसल जब हल्के सामान के साथ फ्लाइट की यात्रा की जाए तो कम वजन से ईंधन की खपत घटती है और कार्बन उत्सर्जन भी कम होता है. वहीं ऐसे ट्रैवलर जहां कहीं भी घूमने जाते हैं, वहां गंदगी नहीं फैलाते.
Active in journalism since 2012. Done BJMC from Delhi University and MJMC from Jamia Millia Islamia. Expertise in lifestyle, entertainment and travel. Started career with All India Radio. Also worked with IGNOU…और पढ़ें
Active in journalism since 2012. Done BJMC from Delhi University and MJMC from Jamia Millia Islamia. Expertise in lifestyle, entertainment and travel. Started career with All India Radio. Also worked with IGNOU… और पढ़ें
Discover more from हिंदी न्यूज़ ब्लॉग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.