
Pandavas In Viratnagar: विराटनगर में पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान मत्स्य राजा विराट के साम्राज्य में शरण ली थी. यहां 12 मुख वाला शिवलिंग, भीम-हिडम्बा मंदिर और भीम के पैरों के निशान हैं.

जयपुर. राजधानी जयपुर से 85 किलोमीटर दूर विराटनगर में महाभारत काल के दौरान पांडवों ने कुछ समय यहां बिताया था. अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने वेश बदलकर मत्स्य राजा विराट के साम्राज्य में शरण ली थी. इसके प्रमाण आज भी यहां मिलते हैं.

विराटनगर के पंच खंड पर्वत पर 12 मुख वाला 6 टन वजनी शिवलिंग भी है. यहां भीम और उनकी पत्नी हिडम्बा का मंदिर भी है. स्थानीय मान्यता के अनुसार, अज्ञातवास के दौरान पांडव अपने अस्त्र पंचखंड पर्वत पर ही छिपाते थे. यहां भीम के पैरों के निशान भी बने हुए हैं.

कहते हैं कि राजा विराट ने पांडवों को शरण दी थी और वे यहां भेस बदलकर रहते थे. नगर के लोगों को भी नहीं पता था कि वे पांडव हैं. राजा विराट जितने अच्छे थे, उतना ही खराब उनका साला कीचक था. उसकी बुरी नजर द्रौपदी पर थी और वह उसे परेशान करता था.

द्रौपदी ने यह बात पांडवों को बताई, जिससे भीम को बहुत गुस्सा आया. भीम ने कीचक को मारने की योजना बनाई. द्रौपदी ने कीचक को पंच खंड पर्वत पर बुलाया और भीम ने वहां जाकर कीचक का वध कर दिया.

एक और मान्यता के अनुसार, जब पांडव और द्रौपदी पर्वत पर रह रहे थे, तो द्रौपदी को प्यास लगी. भीम ने चट्टान पर लात मारकर एक कुंड बना दिया. यह कुंड आज भी है और कभी सूखता नहीं है. इसकी गहराई का अनुमान भी नहीं लगाया जा सका है.

पंचकंद पर्वत पर स्थित 12 मुखी शिव मंदिर के स्वामी सोमेंद्र महाराज बताते हैं कि यहां अभी भी संत और अघोरी तपस्या करते हैं. समय-समय पर यहां धार्मिक आयोजन होते हैं, खासकर शिवरात्रि पर. इस ऐतिहासिक जगह को देखने के लिए कई पर्यटक भी आते हैं.
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