
Panther In Bhilwara: उपवन संरक्षक गौरव ने लोकल 18 से खासबात करते हुए बताया कि कि भीलवाड़ा वासियों को बताते हुए हर्ष हो रहा है कि इस वर्ष की वन्यजीव गणना की गई थी.
- भेड़ियों को देखना दुर्लभ
- भीलवाड़ा चारों ओर से वन्य क्षेत्र से घिरा
- 5 भेड़ियों का झुंड देखा गया
Panther In Bhilwara: राजस्थान का सातवां सबसे बड़ा शहर, जो चारों ओर से अरावली पर्वतमाला और जंगलों से घिरा हुआ है. इस बार भीलवाड़ा की मिट्टी पर पहली बार भेड़ियों के झुंड की एंट्री हुई है और पैंथर की संख्या भी बढ़ गई है. हाल ही में वन विभाग द्वारा वन्य जीवों की गणना की गई, जिसमें कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इसमें पैंथर सहित कई जानवरों की संख्या में वृद्धि हुई है.
भेड़ियों को देखना दुर्लभ
भीलवाड़ा में भेड़ियों को देखना दुर्लभ है. इस बार पैंथर के कुनबे में वृद्धि दर्ज की गई है. जिले के करेड़ा, आसींद और मांडलगढ़, जो पूर्व में खनन क्षेत्र थे, अब पैंथर का आश्रय स्थल बन चुके हैं. इसके अलावा, मांडलगढ़ के क्षेत्रों में 5 भेड़ियों का झुंड भी देखा गया है,
भीलवाड़ा चारों ओर से वन्य क्षेत्र से घिरा हुआ है. जिले के पश्चिम में कुंभलगढ़ और रावली टॉडगढ़ वन क्षेत्र, दक्षिण में बस्सी वन्यजीव अभ्यारण्य और पूर्व में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व और मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व है. इस वजह से यहां वन्यजीवों के बढ़ने की संभावना है.
5 भेड़ियों का झुंड देखा गया
पहली बार टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए एआई के माध्यम से कैमरों से प्राप्त फुटेज को संकल्पित करके, कम रोशनी में भी जानवरों की पहचान की जा सकती है. वन्य जीव गणना के दौरान भीलवाड़ा जिले के गंगापुर, आसींद, करेड़ा और मांडलगढ़ क्षेत्र में पैंथर की संख्या में वृद्धि हुई है. लाड़पुरा-नयानगर में भालू देखे गए, गंगापुर और जैतपुरा बांध में मगरमच्छ की संख्या बढ़ी है. मांडलगढ़ के मोहनपुरा गांव के पास इंडियन वुल्फ यानी 5 भेड़ियों का झुंड देखा गया है. गणना में जंगली जानवरों के साथ पक्षियों की संख्या में भी बढ़ोतरी की संभावना है.
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