
उड़ीसा के पुरी में होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा का देश और दुनिया के लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है. यह यात्रा बेहद खास है. क्या आप भी यहां जाने का प्लान बना रहे हैं?

हाइलाइट्स
- जगन्नाथ रथ यात्रा 9 दिन तक चलती है
- पुरी के गोल्डन बीच को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट मिला हुआ है
- चिल्का लेक एशिया में खारे पानी की सबसे बड़ी झील है जहां डॉल्फिन देखी जा सकती हैं
How to attend Jagannath rath yatra 2025: उड़ीसा का पुरी बेहद खास है. यहां 27 जून से जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू हो रही है. हर साल यहां लाखों की तादाद में भक्त पहुंचते हैं. 9 दिन चलने वाली यह यात्रा 5 जुलाई का खत्म हो जाएगी. अगर आप भी यहां जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो रथ यात्रा के साथ ही यहां आसपास की टूरिस्ट डेस्टिनेशन भी घूम सकते हैं.
जगन्नाथ रथ यात्रा बेहद पवित्र है. ऐसा माना जाता है कि जो इंसान भगवान जगन्नाथ का रथ खींचता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. यह रथ यात्रा पुरी के जगन्नाथ मंदिर से शुरू होती है जो गुंडीचा मंदिर तक पहुंचती है. इन दोनों मंदिरों के बीच की दूरी 4 किलोमीटर है. इस यात्रा में 3 रथ होते हैं, एक रथ भगवान जगन्नाथ का, दूसरा बलरामजी का और तीसरा रथ सुभद्रा जी का होता है.
श्री जगन्नाथ मंदिर का रहस्य
श्री जगन्नाथ मंदिर 12वीं सदी में बना जो भगवान विष्णु के अवतार जगन्नाथ को समर्पित है. इस मंदिर की वास्तुकला बेहद खास है. यहां की गई नक्काशी बहुत सुंदर है. कहते हैं कि इस मंदिर में कई रहस्यमय घटनाएं होती हैं. इस मंदिर के ऊपर लगा झंडा हवा के विपरीत दिशा में लहराता है. मंदिर के गुंबद की जमीन पर परछाई नहीं पड़ती. इस मंदिर की तीसरी सीढ़ी पर पैर रखने से यमलोक नहीं जाना पड़ता. वहीं गुंडीचा मंदिर भगवान जगन्नाथ की मौसी गुंडिचा का घर माना जाता है. यहां की वास्तुकला भी अद्भुत है.
पुरी केवल जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए ही नहीं बल्कि अपने खूबसूरत बीच के लिए जाना जाता है. पुरी बीच बंगाल की खाड़ी से लगा हुआ है. यहां सुबह सूरज का उगना और शाम को ढलना, जिंदगीभर ना भुलाने वाला नजारा है. यहां लोग सनराइज और सनसेट देखने के लिए घंटों बैठे रहते हैं. इसके अलावा यहां वॉटर एक्टिविटीज भी होती हैं. अगर आपको ऊंट की सवारी पसंद है तो यह बीच आपका इंतजार कर रहा है. अक्सर यहां लोकल आर्टिस्ट लाइव शो भी करते हैं. इसी तरह यहां का गोल्डन बीच भी बेहद खास है. साफ-सुथरा और अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने की वजह से इस बीच को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट मिला हुआ है. यह जगह रिलैक्स होने के लिए परफेक्ट है.
पुरी में कई खूबसूरत बीच हैं (Image-Canva)
कोणार्क मंदिर और चिल्का लेक घूमें
पुरी से 35 किलोमीटर की दूरी पर कोणार्क सूर्य मंदिर है. यह एक ऐतिहासिक मंदिर है जिसे 13वीं सदी में राजा राजा नरसिंह देव प्रथम ने बनवाया. इस मंदिर को इस तरीके से बनाया गया है कि सुबह सूरज की पहली किरण इसके मुख्य गर्भगृह में सबसे पहले प्रवेश करती है. यह मंदिर काले रंग के ग्रेनाइट पत्थर से बनाया गया है जिस पर समय, मौसम और जीवन चक्र को दिखाया गया है. वहीं पुरी से 50 किलोमीटर की दूरी पर सतपाड़ा में चिल्का लेक है. यह एशिया की खारे पानी की सबसे बड़ी झील है. यहां बोटिंग का मजा लेते हुए डॉल्फिन देखी जा सकती हैं.
जगन्नाथ रथ यात्रा दुनियाभर में मशहूर है. लोगों को यहां पहुंचने में दिक्कत ना आए, इसके लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही हैं. पुरी रेलवे स्टेशन पर श्री जगन्नाथ एक्सप्रेस, पुरी एक्सप्रेस जैसे कई ट्रेन आकर रूकती हैं. यहां से मंदिर 3 किलोमीटर दूर है. वहीं अगर फ्लाइट से कोई पहुंचना चाहता है तो इसके लिए भुवनेश्वर के बीजू पटनायक इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरना होगा. यहां से पुरी 60 किलोमीटर दूर है. टैक्सी 2 हजार रुपए तक लेगी. भुवनेश्वर से बसें भी पुरी तक चलती हैं.
Active in journalism since 2012. Done BJMC from Delhi University and MJMC from Jamia Millia Islamia. Expertise in lifestyle, entertainment and travel. Started career with All India Radio. Also worked with IGNOU…और पढ़ें
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