
Budget Trip : यूपी के अन्य टाइगर रिजर्व के साथ ही साथ पीलीभीत टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र भी 15 जून को समाप्त हो गया है. पर्यटन सत्र के दौरान 56,000 से भी अधिक सैलानियों ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व की सैर कर बाघों का दीदार किया. लेकिन पर्यटन सत्र की समाप्ति के बाद भी बिना किसी टिकट इन पर्यटन स्थलों की सैर कर सकते हैं.

पीलीभीत जिले की कलीनगर तहसील में स्थित गोमती उद्गम स्थल आध्यात्मिक पर्यटन के लिहाज से काफी अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. लेकिन बहुत ही कम लोग जानते होंगे जिस गोमती को ‘लखनऊ की लाइफ लाइन’ कहा जाता है उसका उद्गम स्थल पर पीलीभीत में स्थित है.गौरतलब है कि गोमती नदी पीलीभीत ज़िले के माधोटांडा ग्राम के समीप स्थित गोमत ताल से निकलती है. 960 किमी की दूरी तय करने के बाद यह गाज़ीपुर ज़िला में सैदपुर के समीप गंगा नदी में मिल जाती है.

अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं और प्रकृति की गोद में बैठ कर सूर्यास्त के दौरान आसमान में बिखरी लालिमा को निहारने के शौकीन हैं तो पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगलों में स्थित शारदा सागर डैम आपके लिए सबसे अधिक मुफीद है.

पीलीभीत जिला ब्रिटिशकाल के दौरान ब्रिटिश अधिकारियों की पसंदीदा जगहों में शुमार थी. ऐसे में ब्रिटिशकाल के दौरान यहां के सिंचाई तंत्र को लेकर तमाम कार्य कराए गए. इसका एक अद्भुत नजारा पीलीभीत के बाइफरकेशन प्वाइंट पर देखने को मिलता है. यहां आपको नहरों का जंक्शन देखने को मिलेगा.

पीलीभीत शहर में देवहा नदी के तट पर स्थित गौरीशंकर मंदिर जिल के प्राचीनतम शिव मंदिरों में शुमार है. मान्यता है कि यह मंदिर 500 साल से भी अधिक पुराना है. इस शिव मंदिर में भगवान शिव के अर्धनारीश्वर स्वरूप का शिवलिंग स्थापित है.

अगर आप बजट या फिर समय के अभाव में वृन्दावन स्थित राधारमन मंदिर के दर्शन को नहीं जा पा रहे हैं तो आप पीलीभीत में ही राधारमन मंदिर के दर्शन कर सकते हैं. यह मंदिर हूबहू वृन्दावन की तर्ज पर बना है. यह शहर के चौक इलाके में स्थित है.
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