
TPCC President Mahesh Goud: तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (TPCC) के अध्यक्ष और MLC महेश कुमार गौड़ ने पूर्व BRS सरकार पर फोन टैपिंग मामले में गंभीर आरोप लगाए हैं. SIT के सामने अपना बयान दर्ज कराने के बाद मीडिया से बात करते हुए गौड़ ने इसे ‘लोकतांत्रिक मूल्यों का घोर उल्लंघन’ बताया.
गौड़ ने खुलासा किया कि BRS शासनकाल में उनका फोन नंबर भी निगरानी सूची में था. “अधिकारियों ने मुझे बताया कि मेरा नंबर भी टैप किया जा रहा था. मैंने SIT को बिना किसी हिचकिचाहट के अपना पूरा बयान दिया है,” उन्होंने कहा. फोन टैपिंग को अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताते हुए गौड़ ने याद दिलाया कि 2023 के चुनावों के दौरान भी तत्कालीन TPCC अध्यक्ष रेवंत रेड्डी के साथ मिलकर मुख्य सचिव को इसकी शिकायत की गई थी.
कांग्रेस के अलावा अन्य नेताओं के फोन टैप
गौड़ ने आरोप लगाया कि सिर्फ कांग्रेस नेताओं ही नहीं, बल्कि BJP और TDP समेत विभिन्न दलों के 650 से अधिक नेताओं के फोन अवैध रूप से टैप किए गए. तत्कालीन BRS सरकार ने विपक्ष को दबाने के लिए साजिश रची. उन्होंने दावा किया कि 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार का एक बड़ा कारण फोन टैपिंग थी. “जिन क्षेत्रों में हम हारे, वहां हमारी संचार प्रणाली पर नजर रखी गई ताकि हमारी रणनीति को कमजोर किया जा सके.
गौड़ ने कई अधिकारियों पर लगाया आरोप
गौड़ ने तत्कालीन मुख्य सचिव सोमेश कुमार, DGP और गृह सचिवों पर राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप लगाया. साथ ही, उन्होंने कहा कि बिना औपचारिक पद नामित अधिकारी प्रभाकर राव को सिर्फ फोन टैपिंग की निगरानी के लिए IG स्तर की कुर्सी दी गई थी.
फोन टैपिंग के सबूत वाले हार्ड डिस्क
उन्होंने कहा कि सत्ता में आते ही BRS नेताओं ने फोन टैपिंग के सबूत वाले हार्ड डिस्क नष्ट कर दिए. हमें नक्सली समर्थक साबित करने की साजिश रची गई,” गौड़ ने कहा. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर, BRS कार्यकारी अध्यक्ष केटीआर और शामिल अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. “सुप्रीम कोर्ट भी फोन टैपिंग को गंभीरता से लेता है. कोई भी बच नहीं पाएगा.
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