Gardening Tips: सर्दी के मौसम में पेड़-पौधों की देखभाल का तरीका पूरी तरह बदल जाता है. गिरते तापमान के बीच गार्डन में लगे पौधों की गहरी गुड़ाई करने से बचना चाहिए. जड़ों को ठंड से बचाने और नमी बनाए रखने के लिए, केवल मिट्टी की ऊपरी परत की 1 से 2 इंच तक ही गुड़ाई करना सबसे सुरक्षित और फायदेमंद तरीका है.
गार्डन एक्सपर्ट मो आलम ने बताया कि सर्दियों में अधिकांश पौधे सुप्तावस्था में चले जाते हैं, जिससे उनकी ग्रोथ बहुत धीमी हो जाती है. इस समय पौधों की जड़ों को छेड़ना या गहरी गुड़ाई करना उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. गहरी गुड़ाई से मिट्टी का तापमान और नमी का संतुलन बिगड़ सकता है, जो पौधे को ‘शॉक’ दे सकता है.

गहरी गुड़ाई करने का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इससे पौधों की कोमल जड़ें बाहरी ठंडी हवा के सीधे संपर्क में आ सकती हैं. सर्दियों की बर्फीली हवा और पाला खुली हुई जड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है. यदि जड़ें क्षतिग्रस्त हो गईं, तो पौधा पोषक तत्व नहीं ले पाएगा और धीरे-धीरे सूखकर मर सकता है.

ठंड के मौसम में वातावरण शुष्क होता है. ऐसे में अगर आप मिट्टी की गहरी गुड़ाई करते हैं, तो मिट्टी की गहराई में मौजूद नमी तेजी से वाष्पित होकर उड़ जाती है. भले ही सर्दियों में पौधों को कम पानी चाहिए, लेकिन मिट्टी में हल्की नमी का बना रहना जरूरी है. गहरी गुड़ाई इस आवश्यक नमी को खत्म कर देती है.
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विशेषज्ञों की सलाह है कि सर्दियों में खुरपी से केवल 1 से 2 इंच तक ही मिट्टी की ऊपरी परत को ढीला करें. इसे ‘उथली गुड़ाई’ कहते हैं. इससे मिट्टी में हवा का संचार बना रहता है और ऊपर उगने वाले खरपतवार भी निकल जाते हैं, बिना मुख्य जड़ों को किसी भी प्रकार का नुकसान पहुंचाए.

जड़ों को ठंड से बचाने के लिए गुड़ाई के बाद ‘मल्चिंग’ सबसे बेहतरीन उपाय है. पौधों के तने के चारों ओर सूखी पत्तियों, पुआल या लकड़ी के बुरादे की एक परत बिछा दें. यह एक ‘कंबल’ की तरह काम करता है, जो मिट्टी के तापमान को गर्म रखता है और जड़ों को पाले के प्रभाव से सुरक्षित करता है.

हल्की गुड़ाई करने के तुरंत बाद पौधों में बहुत हल्का पानी दें, ताकि जड़ें मिट्टी में सेट हो जाएं. ध्यान रखें कि पानी हमेशा सुबह के समय दें, शाम को पानी देने से बचें. इसके अलावा, सर्दियों में रासायनिक खाद का प्रयोग बंद कर दें या बहुत कम करें, क्योंकि सुप्तावस्था में पौधे खाद को अवशोषित नहीं कर पाते हैं.


