
Identify Real Litchi : गोरखपुर में लीची का सीजन चरम पर है, लेकिन लाल-गुलाबी लीचियों से सावधान रहें. व्यापारियों ने लीची को ताजा दिखाने के लिए लाल रंग के स्प्रे का इस्तेमाल शुरू कर दिया है, जो स्वास्थ्य के लिए ह…और पढ़ें
- लीची का रंग चमकदार हो तो सावधान रहें.
- हाथ लगाने पर रंग छूटे तो लीची स्प्रे की हुई हो सकती है.
- लीची का स्वाद और गंध पर ध्यान दें, रंग पर नहीं.
गोरखपुर : गोरखपुर और आसपास के जिलों में लीची का सीजन अपने चरम पर है, लेकिन इस बार बाजार में बिकने वाली लाल-गुलाबी लीचियों को देखकर सावधान रहने की जरूरत है. देखने में सुंदर और चमकदार दिखने वाली यह लीची असल में रंग और स्प्रे की मदद से रंगी जा रही है, ताकि ग्राहक उसे देखकर आकर्षित हों और तुरंत खरीद लें. लेकिन यह रंगत सेहत पर बुरा असर डाल सकती है.
कैसे होता है यह स्प्रे का खेल?
लीची की डंडी के पास सबसे अधिक नमी और खुलापन होता है. अगर वहीं स्प्रे किया जाए, तो रंग अंदर तक पहुंच जाता है. फूड इंस्पेक्टर सुधीर सिंह के अनुसार, इस रंग से लीची पर तेज चमक आती है, जो आमतौर पर ग्राहकों को भ्रमित कर देती है. बाजार में मौजूद लीचियों में से कौन-सी रंगी हुई है और कौन-सी असली, यह पहचानना मुश्किल हो जाता है.
एफएसएसएआई ने पहले ही इस पर चेतावनी जारी की है. विभाग के अनुसार, नकली रंग का असर लीची के स्वाद और गुणवत्ता पर पड़ता है और लंबे समय तक इसका सेवन स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए सलाह दी गई है कि, लीची खरीदते समय उसके रंग पर नहीं, उसके स्वाद और गंध पर ध्यान दें.
इन 3 तरीकों से करें पहचान
- लीची अगर ज्यादा चमकदार या गुलाबी हो तो सतर्क रहें.
- हाथ लगाने पर अगर रंग छूटे तो वह स्प्रे की हुई हो सकती है.
- ज्यादा दिनों तक स्टोर की गई लीची आमतौर पर ज्यादा रंगी जाती है.
Discover more from हिंदी न्यूज़ ब्लॉग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.