
Ghar Par Giloy Ka Paudha Kaise Ugayein: गिलोय जिसे आयुर्वेद में अमृता भी कहा जाता है, एक ऐसी बेल है जो न सिर्फ सेहत के लिए वरदान है, बल्कि इसे घर पर उगाना भी बेहद आसान है. खास बात यह है कि गिलोय किसी भी सामान्य गमले या दीवार के किनारे उगाई जा सकती है और इसमें बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती. गर्मियों और बारिश के मौसम में यह बेल तेजी से फैलती है और इसकी हरी-हरी पत्तियां न सिर्फ आंखों को सुकून देती हैं, बल्कि शरीर को भी अंदर से मजबूत बनाती हैं. इम्युनिटी बढ़ाने, बुखार, डेंगू, खांसी और पाचन की समस्याओं में गिलोय बेहद असरदार मानी जाती है. अगर आप गिलोय को बाजार से लाकर खरीदने के झंझट से बचना चाहते हैं और शुद्ध, घर में उगाई गई औषधि चाहते हैं, तो गिलोय को घर पर उगाना आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हो सकता है. आज हम आपको बताएंगे कि गिलोय को घर के गमले या छत पर कैसे उगाया जा सकता है और उसकी देखभाल कैसे करें.
गिलोय की एक मजबूत कटिंग (डंठल 6-8 इंच लंबी)
एक बड़ा गमला या ग्रो बैग (10-12 इंच गहरा)
अच्छी मिट्टी (garden soil, गोबर की खाद, थोड़ी रेत)
नारियल की रस्सी या कोई सहारा (जिस पर बेल चढ़ सके)
पानी
धूप वाली जगह
गिलोय उगाने के लिए आवश्यक चीजें
गिलोय कैसे उगाएं स्टेप बाय स्टेप विधि इस प्रकार है
1. कटिंग तैयार करें
सबसे पहले किसी स्वस्थ और पुरानी गिलोय बेल से लगभग 6-8 इंच की डंठल काटें. इस डंठल में कम से कम 2 से 3 गांठें होनी चाहिए क्योंकि वहीं से नई जड़ें निकलेंगी.
सबसे पहले किसी स्वस्थ और पुरानी गिलोय बेल से लगभग 6-8 इंच की डंठल काटें. इस डंठल में कम से कम 2 से 3 गांठें होनी चाहिए क्योंकि वहीं से नई जड़ें निकलेंगी.
2. मिट्टी की तैयारी
एक गमले में 50% गार्डन सॉइल, 30% गोबर की खाद और 20% रेत मिलाएं. यह मिश्रण गिलोय की अच्छी ग्रोथ के लिए बहुत जरूरी है.
3. कटिंग लगाएं
अब तैयार मिट्टी में गिलोय की डंठल को एक इंच गहराई तक दबाएं. डंठल को थोड़ा तिरछा लगाएं ताकि वह आसानी से जड़ पकड़ सके.
अब तैयार मिट्टी में गिलोय की डंठल को एक इंच गहराई तक दबाएं. डंठल को थोड़ा तिरछा लगाएं ताकि वह आसानी से जड़ पकड़ सके.
5. धूप और सहारा दें
गिलोय को हल्की धूप बहुत पसंद होती है. गमले को ऐसी जगह रखें जहां 4-5 घंटे धूप मिल सके. साथ ही गिलोय एक बेल है, इसलिए इसे चढ़ने के लिए सहारे की जरूरत होगी.
गिलोय को हल्की धूप बहुत पसंद होती है. गमले को ऐसी जगह रखें जहां 4-5 घंटे धूप मिल सके. साथ ही गिलोय एक बेल है, इसलिए इसे चढ़ने के लिए सहारे की जरूरत होगी.
गिलोय की देखभाल कैसे करें
ज्यादा पानी न दें, सिर्फ जरूरत अनुसार ही पानी दें. हर 15 दिन में गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डाल सकते हैं. बेल फैलने लगे तो समय-समय पर उसे सहारा देते रहें. कीटों से बचाने के लिए नीम का पानी छिड़क सकते हैं.
गिलोय का उपयोग कब और कैसे करें
3-4 महीने बाद जब बेल अच्छी तरह फैल जाए तो आप उसकी डंठल काटकर उपयोग में ला सकते हैं. इसकी डंठल को उबालकर काढ़ा बना सकते हैं. इसका रस निकालकर खाली पेट लिया जा सकता है. गिलोय का पाउडर भी घर में सुखाकर बनाया जा सकता है.
3-4 महीने बाद जब बेल अच्छी तरह फैल जाए तो आप उसकी डंठल काटकर उपयोग में ला सकते हैं. इसकी डंठल को उबालकर काढ़ा बना सकते हैं. इसका रस निकालकर खाली पेट लिया जा सकता है. गिलोय का पाउडर भी घर में सुखाकर बनाया जा सकता है.
गिलोय उगाने के फायदे
शुद्ध और ताजा औषधि घर में उपलब्ध.
इम्युनिटी मजबूत करने वाला नेचुरल उपाय.
खर्चा कम और लाभ ज्यादा.
बिना केमिकल के तैयार हर्बल टॉनिक.
घर की हरियाली और ऑक्सीजन बढ़ाने में मदद.
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