
कई लोग बिना कोई तय योजना के कभी भी कहीं से भी सफाई शुरू कर देते हैं. इससे गंदगी एक कोने से दूसरे कोने में फैलती रहती है और काम अधूरा लगता है. हमेशा सफाई ऊपर से नीचे और अंदर से बाहर की दिशा में करें, जिससे गंदगी सही तरीके से हटे.
2. डस्टिंग से पहले वैक्यूम करना
अगर आप पहले वैक्यूम और फिर डस्टिंग करते हैं तो यह सबसे आम लेकिन बड़ी गलती है. ऐसा करने से जो जगह पहले साफ की गई थी, वह फिर से गंदी हो जाती है. सही तरीका है पहले फर्नीचर, पंखे, अलमारियां आदि की डस्टिंग करें और उसके बाद ही फर्श वैक्यूम करें.
कई लोग क्लीनर को सीधे शीशे, लकड़ी या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की सतह पर छिड़क देते हैं, जिससे वे धीरे-धीरे खराब हो जाते हैं. क्लीनर को पहले किसी सूती या माइक्रोफाइबर कपड़े पर डालें और फिर उससे सतह को पोंछें.
अगर आप एक ही झाड़ू, पोंछा या कपड़ा बार-बार बिना धोए इस्तेमाल करते हैं, तो आप गंदगी साफ नहीं कर रहे, बल्कि उसे पूरे घर में फैला रहे हैं. साफ-सफाई के कपड़े हर हफ्ते साबुन या गर्म पानी से धोना जरूरी है.
5. वॉशिंग मशीन में ढेर सारे कपड़े भर देना
कई लोग एक साथ ढेर सारे कपड़े धोने के चक्कर में मशीन को पूरा भर देते हैं, जिससे कपड़े ठीक से साफ नहीं होते और मशीन पर भी ज्यादा दबाव पड़ता है. हमेशा कपड़ों को हल्के से स्पेस के साथ डालें ताकि पानी और साबुन अच्छे से सर्कुलेट हो सके.
कई लोग एक ही केमिकल क्लीनर पूरे घर के लिए इस्तेमाल कर लेते हैं, चाहे वह किचन हो, बाथरूम हो या लकड़ी का फर्नीचर. हर सतह की जरूरत अलग होती है और गलत क्लीनर से सतह खराब हो सकती है. जहां जरूरी हो वहां हल्के साबुन और पानी का इस्तेमाल करें और लकड़ी के लिए स्पेशल वुड क्लीनर ही लें.
7. बाथरूम की सफाई को नजरअंदाज करना
कई लोग बाथरूम की सफाई हफ्ते में एक बार करते हैं या तब जब बहुत गंदा दिखने लगे. जबकि बाथरूम में हर दिन गंदगी, नमी और बैक्टीरिया पनपते हैं. टॉयलेट सीट, नल, सिंक और बाल्टी-मग को हर दूसरे दिन साफ करना चाहिए. वरना बदबू और बीमारी दोनों फैल सकते हैं.
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