
Agriculture News: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा विकसित जिंक और प्रोटीन युक्त धान की किस्में अब केवल भोजन नहीं, बल्कि सेहत का माध्यम बन रही हैं.
इसके अतिरिक्त, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने प्रोटेजिन नामक एक विशिष्ट किस्म भी तैयार की है, जिसमें सामान्य धान के मुकाबले कहीं अधिक 10 से 11 प्रतिशत तक प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है. आम तौर पर चावल में केवल 6 प्रतिशत तक प्रोटीन होता है. इस किस्म में जिंक भी मौजूद है, जिससे यह एक संपूर्ण पोषक चावल बन जाता है. वहीं, कटक से विकसित हुई CR धान 302 नामक किस्म भी जिंक युक्त है और इसे छत्तीसगढ़ के लिए उपयोगी माना जा रहा है.
छत्तीसगढ़ में धान केवल पेट भरने का माध्यम नहीं रहा, अब यह पोषण और स्वास्थ्य का साधन भी बनता जा रहा है. राज्य की कृषि वैज्ञानिकों की यह पहल निश्चित रूप से आने वाले समय में कुपोषण, संक्रमण और गंभीर बीमारियों से लड़ने में मददगार साबित होगी. यह कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है.
Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें
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Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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