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बेंगलुरु में HAL के फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट के चीफ टेस्ट पायलट ग्रुप कैप्टन (रिटायर्ड) केके वेणुगोपाल ने अप्रैल, 2024 में तेजस Mk 1A की टेस्ट फ्लाइट ली थी।
ऑपरेशन सिंदूर के कुछ ही सप्ताह बाद वायुसेना के बेड़े में नया विमान आने जा रहा है। वायुसेना को इस महीने के आखिर में स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस की अगली पीढ़ी का एयरक्राफ्ट तेजस Mk 1A मिल जाएगा। फ्लाइंग टेस्ट की आखिरी प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह फाइटर बेड़े में शामिल हो जाएगा।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ फरवरी, 2021 में 83 तेजस Mk 1A विमानों का सौदा 48 हजार करोड़ रुपए में हुआ था। इनकी डिलीवरी मार्च, 2024 में होनी थी। लेकिन अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) से मिलने वाले इंजन F404 IN20 की सप्लाई में देरी की वजह से सुपुर्दगी करीब सवा साल टल गई।
HAL सूत्रों के अनुसार, इस मार्च से नए इंजन मिलने शुरू हो गए हैं। इस साल के आखिर तक वायु सेना को 12 तेजस Mk 1A विमान सौंप दिए जाएंगे।
वायुसेना प्रमुख ने देरी पर नाराजगी जताई थी
इन विमानों की सप्लाई में देरी होने पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) समिट के दौरान नाराजगी जताई थी। उन्होंने रक्षा प्रोजेक्ट्स मिलने में देरी पर खुलकर अपनी बात रखी थी।
मेक इन इंडिया व आत्मनिर्भर भारत के मजबूत इरादों के साथ सरकार ने HAL के साथ कुल 180 तेजस Mk 1A का सौदा किया है। पहली खेप 83 विमानों की है जबकि दूसरी खेप में 67 हजार करोड़ रुपए में 97 विमानों का सौदा हुआ है।
तेजस वायु सेना से बाहर होने वाले मिग-21, मिग-27 और जगुआर का जगह लेगा। वायुसेना के एक बेड़े में 42 विमान होने चाहिए, जो 30 रह गए हैं। एक दशक में तेजस Mk 1, Mk 1A, Mk 2 के 350 से ज्यादा जेट वायुसेना में शामिल होंगे। पहला तेजस Mk 2 साल 2028-29 में मिल सकता है।
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