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भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला एक्सियम मिशन 4 के तहत 25 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन यानी ISS के लिए रवाना हुए थे। यह मिशन पहले 6 बार तकनीकी दिक्कतों के कारण टल चुका था। शुभांशु के साथ तीन अन्य एस्ट्रोनॉट भी स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए थे। 26 जून को सभी एस्ट्रोनॉट्स ISS पहुंच चुते हैं।
इस दौरान AXiom CEO तेज पॉल भाटिया ने कहा, ‘यह सिर्फ एक मिशन नहीं है। ना ही ये किसी एक इंसान के बारे में है। बल्कि ये इसके महत्व के बारे में है। इस मिशन के जरिए हम आने वाली जेनरेशन्स के लिए दरवाजे खोलने जा रहे हैं।’

Axiom मिशन लॉन्च के बाद CEO तेज पॉल भाटिया ने अपनी ये फोटो शेयर करते हुए बताया कि करीब 44 साल पहले वो परिवार के साथ कैनेडी स्पेस सेंटर आए थे और तब से स्पेस को लेकर जिज्ञासा ने उनके मन में जन्म लिया।
‘44 साल पहले देखा सपना सच हुआ’
अपनी स्पीच में तेज ने कहा कि 44 साल पहले वो अपने पिता जसबीर भाटिया, मां हरचरण भाटिया और बहन विमी भाटिया के साथ कैनेडी स्पेस सेंटर आए थे। तब तेज ने बड़ी बिल्डिंग को देखकर अपने इलेक्ट्रिकल इंजीनियर पिता से पूछा कि वो क्या है। उनके पिता ने जवाब दिया, ‘यहां स्पेसशिप्स बनाई जाती हैं।’
उस दिन को याद करते हुए तेज पॉल भाटिया कहते हैं, ‘ये सुनकर मेरे होश उड़ गए। वो मेरे लिए अहम पल था। यहीं से मेरे मन में जिज्ञासा ने जन्म लिया और मेरी आगे की जर्नी तय हुई।’

1970 के दशक में पिता न्यूयॉर्क पहुंचे थे
तेज पॉल के पिता का जन्म भारत के सिख परिवार में हुआ था। 1970 के दशक में उनके मां-बाप ने अपनी जिंदगीभर की कमाई से उनके लिए न्यूयॉर्क जाने का वन-वे टिकट खरीदा और 25 साल के बेटे को अमेरिका भेज दिया। तेज के पिता जब अमेरिका पहुंचे तो उनकी जेब में सिर्फ 8 डॉलर थे और एक अमेरिकी परिवार का नंबर था। यह परिवार भारत घूमने आया था तब तेज के दादा-दादी से उनकी दोस्ती हुई थी।
तेज के पिता को अमेरिकी परिवार ने अपने घर में शरण दी। इस दौरान उन्होंने एक फोटो बनाने वाली लैब में काम शुरू कर दिया। इसके बाद एक इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन ले लिया।
पढ़ाई पूरी होते-होते उन्होंने अपने भाई को भी अमेरिका बुला लिया और इस तरह तेज का परिवार न्यूयॉर्क में ही बस गया।
तेज के पिता ने इंजीनियर के तौर पर अमेरिका के ओरिजिनल ट्विन टावर, जैकब जेविट्स कन्वेन्शन सेंटर को बनाने में योगदान दिया है।

तेज पॉल (दाएं), बेटा मिलान भाटिया (बीच में) और पत्नी एरिका एस्पोसितो (बाएं)।
अजीबो-गरीब नाम के पीछे क्या है कहानी?
तेज कहते हैं कि या तो उन्हें तेज बुलाया जाए या उनका पूरा नाम ‘तेज पॉल भाटिया’ का इस्तेमाल किया जाए। इसके पीछे की कहानी भी बेहद दिलचस्प है।
दरअसल, तेज के माता-पिता जब न्यूयॉर्क आए तो उन्हें नाम को लेकर बड़ी दिक्कत हुई। मसलन उनके पिता का घर का नाम कुक्कू था और वो इसी नाम से परिचित थे। लेकिन जब वो न्यूयॉर्क आए तो यहां डॉक्यूमेंट्स पर लिखे नाम जसबीर भाटिया का इस्तेमाल किया जाता था।
यहां घर के आसान नाम इस्तेमाल नहीं किए गए। इसलिए तेज के माता-पिता ने उनका घर का नाम ‘पॉल’ उनके आधिकारिक डॉक्यूमेंट्स में भी लिखवाया।
तेज को उनके घरवाले और सभी करीबी लोग पॉल कहते हैं। इसी के साथ पॉल एक ऐसा नाम है जिसे बोलने में अमेरिकी लोगों को दिक्कत भी नहीं होती।

इटैलियन लड़की से शादी की
तेज पॉल ने 90 के दशक में इटली से अमेरिका आई एरिका एस्पोसितो से शादी की है। दोनों का एक बेटा है जिसका नाम मिलान भाटिया है।
तेज बताते हैं कि शादी के बाद लंबे समय तक उन्हें बच्चे नहीं हुए जिसकी वजह से दोनों पति-पत्नी काफी परेशान हुए। इस दौरान तेज को उनके डिप्रेशन के बारे में भी पता चला। बेटे के जन्म के मौके को वो अपने जीवन का सबसे खुशनुमा पल कहते हैं।
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भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला Axiom मिशन 4 के तहत आज 25 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हो गए। वो इस मिशन के पायलट हैं। उनके साथ तीन अन्य एस्ट्रोनॉट भी स्पेस स्टेशन जा रहे हैं। ये मिशन इससे पहले 6 बार टाला जा चुका था। पूरी खबर पढ़ें…
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