
बर्मिंघम में एक दिन के आराम के बाद अगले दो दिन के लिए टीम मैनेजमेंट ने जो प्रैक्टिस सेशन तय किया उसमें कई हैरान करने वाले फैसले लिए गए है. 27 जून और 28 जून को होने वाले प्रैक्टिस सेशन में मीडिया और कैमरे का प्र…और पढ़ें

इंग्लैंड से राजीव की रिपोर्ट. हार के बाद वापसी करने का रास्ता खोजना समझ में आता है, मंजिल तक पहुंचने के लिए मेहनत करना और पसीना बहाना समझ में आता है, खराब खेलने के बाद सुधार भी समझ में आता है पर जो कुछ भारतीय टीम मैनेजमेंट कर रही हो वो किसी को भी समझ नहीं आ रहा पिर वो चाहे इंग्लैंड हो या इंडिया. 25 को बर्मिंघम पहुंचने के बाद टीम ने एक दिन आराम तो समझ में आता है पर जो खबर आई वो किसी को समझ नहीं आया.
प्रैक्टिस तो होगी पर मीडिया की नो इंट्री
पहले मैच से पहले भी हुई था पर्दा डालकर मैच
लीड्स टेस्ट मैट से पहले जो इंटर स्क्वाड मैच हुआ वो भी पर्दे के पीछे खेला गया जहां मीडिया की इंट्री पर बैन था. इस तरह के मैच से अगर मैच जीतने का रास्ता मिलता तो भी ठीक था. छुपाकर की गई तैयारी का हश्र सबने देख लिया जब टीम सीरीज का पहला मैच हार गई. दरअसल ये पर्दा वाली प्रैक्टिस इस लिए की जाती है ताकि प्लेइंग ऐलेवन बनाने में मनमानी की जा सके और नेट्स या इंटर स्क्वाड मैच में जो खिलाड़ी अच्छा कर रहे है उसक भनक किसी को ना लगे. वैसे प्रैक्टिस सेशन में मार्शल लॉ लगाने से टीम पटरी पर लौट आती है तो ऐसी तानाशाही भी सही जा सकती है.
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