
सुरक्षा में सिरमौर बनी टाटा हैरियर EV
टाटा मोटर्स की हैरियर ईवी को 2 जून को भारतीय बाजार में लॉन्च किया गया था। लॉन्च के कुछ ही दिनों बाद, 24 जून को भारत-NCAP ने इसका क्रैश टेस्ट रिपोर्ट जारी किया, जिसमें इसे एडल्ट सेफ्टी में 32 में से पूरे 32 अंक और चाइल्ड सेफ्टी में 49 में से 45 अंक प्राप्त हुए। यही स्कोर महिंद्रा XEV 9e को भी जनवरी 2025 में क्रैश टेस्ट के दौरान मिले थे। इस प्रकार हैरियर EV अब भारतीय सड़कों पर चलने वाली सबसे सुरक्षित इलेक्ट्रिक SUVs में गिनी जाती है।
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कैसे होता है भारत-NCAP क्रैश टेस्ट?
भारत-NCAP का क्रैश टेस्ट एक वैज्ञानिक और मानकीकृत प्रक्रिया है जिसमें गाड़ी की सुरक्षा विशेषताओं की कड़ी जांच होती है। इसमें डमी इंसानों का इस्तेमाल कर यह देखा जाता है कि दुर्घटना की स्थिति में कार के अंदर बैठे यात्रियों को कितनी सुरक्षा मिलती है। टेस्ट की प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण होते हैं:
1. डमी सेटअप: इंसानों जैसी 4-5 डमी कार में बैठाई जाती हैं। पीछे की सीट पर बच्चों की डमी को ISOFIX चाइल्ड सीट में लगाया जाता है।
2. टक्कर परीक्षण (Crash Simulation): इसमें तीन तरह के टक्कर परीक्षण शामिल होते हैं:
– फ्रंटल इम्पैक्ट टेस्ट: कार को 64 किमी/घंटा की रफ्तार से एक डिफॉर्मेबल बैरियर से टकराया जाता है।
– साइड इम्पैक्ट टेस्ट: गाड़ी को 50 किमी/घंटा की गति से साइड बैरियर से टकराया जाता है।
– पोल साइड इम्पैक्ट टेस्ट: यह तभी किया जाता है जब गाड़ी पहले दो टेस्ट में कम से कम 3 स्टार हासिल कर ले। इसमें कार को पोल से टकराया जाता है।
3. सेफ्टी फीचर्स का मूल्यांकन: इम्पैक्ट के बाद यह देखा जाता है कि डमी को कितना नुकसान पहुंचा, एयरबैग्स ठीक से खुले या नहीं, और इलेक्ट्रॉनिक सेफ्टी फीचर्स ने समय पर काम किया या नहीं। इन सभी आधारों पर रेटिंग दी जाती है।
क्रैश टेस्ट स्कोरिंग का मानक
भारत-NCAP स्कोरिंग प्रणाली बहुत स्पष्ट है। वयस्कों और बच्चों की सुरक्षा के लिए अलग-अलग स्कोरिंग मैट्रिक्स अपनाए जाते हैं। नीचे टेबल के माध्यम से इसे समझा जा सकता है:
स्टार रेटिंग | एडल्ट प्रोटेक्शन स्कोर | चाइल्ड प्रोटेक्शन स्कोर |
5 स्टार | 27 या उससे अधिक | 41 या उससे अधिक |
4 स्टार | 22 से अधिक | 35 से अधिक |
3 स्टार | 16 से अधिक | 27 से अधिक |
2 स्टार | 10 से अधिक | 18 से अधिक |
1 स्टार | 4 से अधिक | 9 से अधिक |
टाटा हैरियर ईवी ने एडल्ट में 32/32 और चाइल्ड में 45/49 स्कोर किया है, जो इसे उच्चतम श्रेणी की सेफ्टी कार बनाता है।
टाटा हैरियर EV के सेफ्टी फीचर्स
इस SUV को इतना सुरक्षित बनाने में इसके उन्नत सेफ्टी फीचर्स का बड़ा योगदान है। इनमें शामिल हैं:
– 6 एयरबैग्स
– ISOFIX चाइल्ड सीट माउंट्स
– एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल
– 360 डिग्री कैमरा
– ADAS लेवल-2 (Advanced Driver Assistance System)
– एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) और EBD
महिंद्रा XEV 9e बनाम टाटा हैरियर EV
जहां महिंद्रा XEV 9e को जनवरी में 5-स्टार रेटिंग मिली थी, वहीं टाटा हैरियर EV ने अब उसी रैंक में खुद को खड़ा कर दिया है। दोनों कारें भारत में बनी हैं और भारत के उपभोक्ताओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देती हैं। हालांकि, हैरियर EV की डिज़ाइन, फीचर्स और इलेक्ट्रिक रेंज इसे थोड़ा आगे खड़ा करती हैं।
अब इलेक्ट्रिक कार का मतलब सिर्फ ‘ग्रीन’ नहीं, बल्कि ‘सुरक्षित’ भी
टाटा हैरियर EV की 5-स्टार रेटिंग से यह स्पष्ट होता है कि भारत में अब इलेक्ट्रिक वाहन सिर्फ पर्यावरण के लिए बेहतर नहीं, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी मजबूत विकल्प बनते जा रहे हैं। यह टाटा मोटर्स के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और अन्य वाहन निर्माताओं के लिए एक नई बेंचमार्क।
अगर आप इलेक्ट्रिक SUV खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो टाटा हैरियर EV अब न सिर्फ स्टाइल और रेंज में, बल्कि सुरक्षा में भी नंबर वन बन चुकी है।
– डॉ. अनिमेष शर्मा
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