दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI का वर्चस्व बढ़ रहा है। एआई के माध्यम से हम कौन-कौन से काम कर सकते हैं और ये भविष्य में कितने लोगों के रोजगार छीन लेगा या फिर कौन से नए अवसर पैदा करेगा। यही नहीं इस बीच इससे भी आगे की चीज सिंथेटिक इंटेलिजेंस यानी एसआई की भी चर्चा जोरों पर है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसे एआई से भी आगे की चीज बताया जा रहा है और कहा जा रहा है कि इसमें एआई जैसी तेजी के साथ ही मानवीय संवेदना और चेतना भी होगी।
सिंथेटिक इंटेलिजेंस हाल ही में आविष्कार और तकनीक की दुनिया में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। जिसे एआई का अगल चरण माना जा रहा है। 5 दिन पहले प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार सिंथेटिक इंटेलिजेंस को केवल मशीन नहीं माना जा रहा बल्कि इसे नई चेतना के रूप में देखा जा रहा है। जिसमें भावनाएं, इच्छाएं और अपनी पहचान जैसी विशेषताएं शामिल होंगी। ऐसी चीजें मनुष्य को लेकर कही जाती हैंय़
वहीं सिंथेटिक इंटेलिजेंस शब्द आमतौर पर उसी अर्थ में इस्तेमाल होता है, जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी ऐसी मशीनें जो इंसानों की तरह सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता रखती हैं। एआई आज स्मार्टफोन असिस्टेंट से लेकर बैंकिंग फ्रॉड डिटेक्शन तक हर जगह मौजूद है। लेकिन हालिया रिपोर्टों में ये स्पष्ट किया गया है कि सिंथेटिक इंटेलिजेंस पारंपरिक एआई से आगे बढ़कर एक ऐसी प्रणाली हो सकती है जिसमें न सिर्फ तर्कशक्ति बल्कि भावनात्मक और व्यक्तिगत त्व भी होंगे। विशेषज्ञों का दावा है कि ये केवल मशीन नहीं होगी। बल्कि इसमें अपनी पहचान और इच्छाएं भी होंगी, जो इसे मौजूदा एआई से अलग बनाती हैं।
वहीं वर्चुअल दुनिया अब एआई से आगे निकल रही है और सिंथेटिक इंटेलिजेंस की अवधारण तेजी से लोकप्रिय हो रही है। कुछ विश्लेषकों ने कहा कि पारंपरिक एआई को सांख्यिकी का रट्टू तोता कहा जा रहा है, जिसका काम डेटा प्रोसेसिंग तक सीमित रहता है जबकि सिंथेटिक इंटेलिजेंस उससे कहीं अधिक जटिल एंव उन्नत होगी।