
Sunil Gavaskar On Domestic Fee Structure: पूर्व भारतीय लीजेंडरी क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने भारतीय डोमेस्टिक क्रिकेट में मौजूदा फीस स्ट्रक्चर की आलोचना की है. गावस्कर ने कहा कि ‘कई मेहनती भारतीय क्रिकेटर सालों तक रणजी ट्रॉफी में सफलता के बावजूद बड़ी सैलरी से चूक जाते हैं. जबकि आईपीएल में कई अनकैप्ड खिलाड़ी बहुत मोटा पैसा कमाते हैं, जबकि वे उन लोगों की तुलना में उतने डिजर्विंग नहीं हैं, जितने की रणजी ट्रॉफी में मेहनत करने वाले हैं’. गावस्कर ने इस दौरान बीसीसीआई से एक बार फिर डोमेस्टिक क्रिकेट में फीस स्ट्रक्चर पर विचार करने को कहा. साथ ही इंसेंटिव बढ़ाने को भी कहा.
गावस्कर ने इस दौरान हाल ही में क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने वाले प्रियांक पांचाल का उदाहरण दिया. 37 साल के प्रियांक ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में लगभग 9000 रन बनाए, जिसमें उन्होंने 29 शतक जड़े हैं. लेकिन उन्हें टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका नहीं मिला. प्रियांक को टीम इंडिया के स्क्वाड में कई बार सेलेक्ट किया गया, लेकिन वो टीम के लिए डेब्यू नहीं कर पाए. साथ ही पांचाल अपने करियर में आईपीएल का कॉन्ट्रैक्ट भी हासिल नहीं कर पाए.
गावस्कर ने दिया सुझाव
स्पोर्टस्टार के लिए गावस्कर ने अपने कॉलम में लिखा, ‘भारत की कैप न पाने के अलावा प्रियांक के बैंक बैलेंस में भी बहुत कुछ नहीं होगा. यहीं पर बाकी डोमेस्टिक क्रिकेट और आईपीएल में फर्क नजर आता है. यह मुश्किल है कि पूरे देश में सभी प्रकार के मौसम की परिस्थितियों में खेलने के बावजूद पांचाल ने रणजी ट्रॉफी फीस से 3 करोड़ रुपये भी कमाए हैं. इसे अगर आईपीएल में अनकैप्ड प्लेयर से तुलना करें, जो कोई खिलाड़ी एक सीजन में 3 करोड़ से ज्यादा कमाता है और अक्सर एक भी मैच नहीं खेल पाता’.
गावस्कर ने इस दौरान बीसीसीआई को सुझाव देते हुए कहा, ‘बीसीसीआई ने हाल ही में डोमेस्टिक क्रिकेट में मैच फीस बढ़ा दी है और ये बहुत अच्छा है, लेकिन अगर वे फीस के स्लैब सिस्टम में जोड़ दें कि जो खिलाड़ी ज्यादा मैच खेलेगा, उसे ज्यादा पैसा मिलेगा तो लोग ज्यादा रणजी ट्रॉफी खेलेंगे.’
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