
कैसे आया आइडिया?
वैभव कौशिक ने लोकल18 से बातचीत में बताया कि एक बार जब वो कॉलेज के दिनों में नोएडा में कैब से जा रहे थे, तो कैब ड्राइवर ने बताया कि CNG भरवाने में घंटों लाइन में लगना पड़ता है. इतना ही नहीं, पास में खाली स्टेशन होने की जानकारी भी नहीं होती. यही बात वैभव को इतनी चुभी कि उन्होंने इस समस्या पर काम करना शुरू कर दिया. कुछ समय बाद नवगति ऐप की नींव रखी गई.
नवगति ऐप रियल टाइम में आसपास के सभी फ्यूल स्टेशनों की भीड़ की जानकारी देता है. इसके ज़रिए आप यह देख सकते हैं कि कौन- सा स्टेशन खाली है और कहां भीड़ ज्यादा है. नवगति का मुख्य प्रोडक्ट है ‘Aaveg’ (पहले यह CNG EcoConnect के नाम से जाना जाता था). इसके ज़रिए फ्यूल कंपनियां भी अपने स्टेशन की भीड़, मशीनें और सर्विस को बेहतर तरीके से हैंडल कर पाती हैं.
शार्क टैंक में छाया नवगति
नवगति ने शार्क टैंक इंडिया सीजन 2 में भी अपनी जगह बनाई और शानदार प्रदर्शन किया. यहां इसे 67 लाख रुपये का निवेश मिला, वो भी सिर्फ 3% इक्विटी के बदले. इससे कंपनी की वैल्यू 22.33 करोड़ रुपये आंकी गई. इस डील के बाद नवगति को देशभर में अच्छी पहचान मिली.
फिलहाल नवगति ऐप दिल्ली-एनसीआर में इंड्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) और इंडियन ऑयल (IOC) के साथ लाइव है. इसके अलावा कंपनी महानगर गैस, गुजरात गैस, अदानी गैस, टोरेंट गैस, ग्रीन गैस और महाराष्ट्र नेचुरल गैस जैसी कंपनियों से बात कर रही है. मुंबई में लोग इस ऐप के ज़रिए प्री-बुकिंग करके समय बचा रहे हैं.
क्या है भविष्य की योजना?
नवगति सिर्फ CNG तक सीमित नहीं रहेगा. आने वाले समय में इसे पेट्रोल, डीजल और इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) चार्जिंग स्टेशनों के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा. कंपनी का टारगेट है कि आने वाले दो सालों में देशभर के 15,000 से ज्यादा फ्यूल आउटलेट्स को इस प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाए.
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