Small Business Idea: छतरपुर के दीपक साहू जो दिखने में तो साधारण से हैं, लेकिन अपने बिजनेस आइडिया से बढ़िया कमा लेते हैं. दरअसल, दीपक मौसम के हिसाब से बिजनेस बदल लेते हैं, जिससे उन्हें मुनाफा होता है. आइए जानते हैं दीपक का बिजनेस मॉडल…
वहां पर सालों काम किया. गुलाब लच्छी से लेकर गजक बनाना सीख गए. इसके बाद छतरपुर आ गए. यहां आकर गुलाब लच्छी बनाने लगे. बताते हैं कि छतरपुर जिले में गुलाब लच्छी गुजरात से ही आई है. जिले में गुलाब लच्छी पहले नहीं बनती थी. लेकिन जो बाहर से सीख कर आ गए, वही यहां बनाने लगे थे. हमने भी गुलाब लच्छी गुजरात में सीखी है. ठंड सीजन में गुलाब लच्छी बनाना शुरू कर देते हैं. गजक भी बनाते हैं. यहां के लोगों के ये आइटम खूब पसंद आता है. खूब बिक्री भी होती है.
ऐसे बनती है गुलाब लच्छी
बताते हैं कि गुलाब लच्छी बनाने के लिए मैदा, शक्कर और डालडा की जरूरत होती है. इसको भी गजक या सोन हलवा जैसा बनाते हैं. इसको बनाने में भी मेहनत लगती है. घंटों इसको खींचना पड़ता है. इसे ठंड में ही बना सकते हैं. क्योंकि, गर्मी होने पर ये पिघलने लगती है.
हर दिन 1 हजार की कमाई
बताते हैं कि हर दिन चलते-फिरते लगभग 1 हजार की गुलाब लच्छी बेच लेते हैं. गुलाब लच्छी बेचने में न उन्हें साइकिल लगती है और न ही मोटरसाइकिल. अपने सिर पर रखकर ये गुलाब लच्छी बेच लेते हैं. हर दिन 600 गुलाब लच्छी पीस लेकर जाते हैं. एक पीस की कीमत 5 रुपए होती है. इस डिश को सबसे ज्यादा बच्चे खाना पसंद करते हैं.
यूपी के शहरों में भी डिमांड
बताते हैं कि मैं खुद ही गुलाब लच्छी बनाता हूं और खुद ही बेचता हूं. साथ ही गुलाब लच्छी पार्सल भी कराता हूं. उत्तर प्रदेश के महोबा और बांदा जिले में लोग हैं जो मेरी गुलाब लच्छी बेचते हैं और मुझे पेमेंट भेज देते हैं. वह भी अपना कमीशन ले लेते हैं. ये गुलाब लच्छी होली पर्व तक यानी 3 महीने तक लोग खाते रहेंगे.
गर्मी में कुल्फी बनाते हैं
बताते हैं कि होली पर्व के बाद गुलाब लच्छी छोड़ कुल्फी बनाना शुरू कर देते हैं. क्योंकि, गर्मी सीजन में कुल्फी की डिमांड बढ़ जाती है. कुल्फी भी लोग खूब खाते हैं, गर्मी में अच्छी कमाई होती है. साथ ही गुलाब लच्छी भी बनाते हैं.
एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें
एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म… और पढ़ें


