फिल्म ‘साईं’ में भिक्षु यादव का किरदार तो आपको याद ही होगा. इस रोल ने दर्शकों के मन में ऐसी जगह बनाई कि आज भी लोग इसे भूल नहीं पाए हैं. इस किरदार को निभाने वाले अभिनेता प्रदीप रावत ने अपनी दमदार एक्टिंग से साउथ में अलग पहचान बनाई. अब काफी समय से वह बॉलीवुड से दूर हैं.
नई दिल्ली. फिल्मों में कई ऐसे किरदार होते हैं जो किसी और को सूट ही नहीं कर सकते. भिक्षु यादव भी उन्हीं में से एक है. साउथ इडंस्ट्री की बात हो और यादगार विलेन का ज़िक्र न आए, ऐसा हो ही नहीं सकता. प्रदीप रावत ने भिक्षु यादव के किरदार को अमर बना दिया था. उनका हर सीन, हर डायलॉग दर्शकों के मन में अब भी बसा है.

‘साईं’ प्रदीप रावत की पहली तेलुगु फिल्म थी. लेकिन पहली ही फिल्म ने उन्हें रातोंरात स्टार विलेन बना दिया. इसके बाद उन्हें लगातार फिल्मों के ऑफर मिलते रहे. उन्होंने भद्रा, अंदरिवदु, छत्रपति, लक्ष्मी जैसी कई हिट फिल्में दीं. छत्रपति में रास बिहारी के रूप में उनकी एक्टिंग आज भी लोगों की जुबान पर है. राजामौली जैसे बड़े डायरेक्टर ने भी उनकी प्रतिभा को पहचाना.

विलेन ही नहीं, प्रदीप रावत ने कई फिल्मों में कॉमेडी कर के भी दर्शकों को एंटरटेन किया. ओई, पुलारंगाडु, नेनु सैलजा और सरैनोडु जैसी फिल्मों में उन्होंने अपने अलग रंग दिखाए. हालांकि, कुछ समय से वे तेलुगु फिल्मों में दिखाई नहीं दे रहे हैं.
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प्रदीप रावत मध्यप्रदेश के जबलपुर के रहने वाले हैं. प्रदीप ने जब एक्टिंग में करियर बनाने का फैसला किया तो उन्हें भी करियर की शुरुआत में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था.

बी आर चोपड़ा ने उनकी कद काठी देख टीवी के प्रसिद्ध धारावाहिक बीआर चोपड़ा की महाभारत में उन्हें अश्वत्थामा का रोल मिला था. इस रोल ने उन्हें घर-घर पहचान दिलाई. उनके करियर को नई दिशा इसी रोल से मिली थी.

इसके बाद प्रदीप को छोटे-मोटे बजट की फिल्मों में लीड रोल में नजर आए, लेकिन बात नहीं बनी. गुजारा करने के लिए उन्हें सपोर्टिंग रोल करने पड़े.अपने करियर में अग्निपथ’, ‘बागी’, ‘कोयला’, ‘मेजर साब’, ‘सरफरोश’ जैसी फिल्में करने के बाद भी उन्हें सही मुकाम नहीं मिला.

आमिर खान की फिल्म गजनी का तो नाम ही प्रदीप रावत के रोल ‘गजनी’ पर रखा गया था. बॉलीवुड की पहली 100 करोड़ी फिल्म में विलेन बनकर उन्होंने इतिहास ही रच दिया था. साउथ इंडस्ट्री में उन्हें आज भी ‘सई’ वाले विलेन के लिए जाना जाता है.

बता दें कि अब काफी समय से प्रदीप हिंदी फिल्मों से दूर हैं. उन्होंने हिंदी सिनेमा में एक खास पहचान बनाई. हिंदी सिने दर्शकों ने उन्हें हाथों-हाथ लिया.फिर भी उन्हें वो मुकाम नहीं मिला, जिसके वह हकदार थे.


