
राजा के परिवार ने राजा-सोनम के लिए उज्जैन में अनुष्ठान कराया था।
इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या में पत्नी सोनम सहित 5 लोगों की गिरफ्तारी के बाद कई खुलासे हो रहे हैं। पता चला है कि 23 मई से लापता होने के बाद राजा और सोनम की तलाश में परिवार ने हर संभव कोशिश की थी।
परिवार ने तंत्र क्रिया तक का सहारा लिया था। जिस सोनम ने अपने पति की हत्या के लिए षड्यंत्र रचा उसकी सलामती के लिए पति का परिवार भगवान से मिन्नतें कर रहा था। राजा के परिजन उज्जैन और देवास में अनुष्ठान करवा रहे थे। बहू-बेटे की लोकेशन और वापसी को लेकर राजा के परिवार से एक युवक उज्जैन के गऊघाट स्थित आश्रम में आया था। देवास में कहां और कौनसा अनुष्ठान किया गया था, इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
चिंतामन रोड स्थित स्थानीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रामेश्वर दास ने दैनिक भास्कर से विशेष चर्चा में उज्जैन में किए गए अनुष्ठान के बारे में भी जानकारी दी…
महंत का दावा- अनुष्ठान के 5वें दिन राजा का शव मिला स्थानीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रामेश्वर दास ने बताया, 28 मई को गुजरात के एक शिष्य के साथ राजा के परिवार से एक युवक मिलने आया था। उसने मुझे राजा और सोनम की जानकारी देकर उन्हें खोजने में मदद मांगी। मेरे अनुष्ठान करने के पांच दिन के अंदर यानी 2 जून को राजा की खबर उसके परिवार को मिल गई थी। उसका शव मिल गया था।

चिंतामन रोड स्थित स्थानीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रामेश्वर दास।
शिप्रा में प्रवाहित किए राजा के कपड़े-फोटो महंत रामेश्वर दास ने बताया, राजा और सोनम के लापता होने के बाद से पूरा परिवार परेशान था। वो देवास भी गए थे, लेकिन उन्हें वहां सफलता नहीं मिली। फिर मेरे पास आए थे। हम लोग गुम हुए लोगों के लिए क्रिया करते हैं। इसके लिए हमें लापता व्यक्ति का फोटो और उसका एक कपड़ा लगता है। ये दोनों चीजें हमने उनके परिवार से मंगवाई थी।
28 मई को अभिषेक नामक युवक राजा और सोनम का फोटो और राजा के कपड़े लेकर आश्रम आया था। उसने पूरी बात बताई। हमने भी अनुष्ठान का कहा था और उनको बताया था कि अगले पांच दिन के अंदर खबर मिल जाएगी। इसके बाद मैंने राजा और सोनम को खोजने के लिए तंत्र अनुष्ठान शुरू किया था। राजा के कपड़े और एक मंत्र लिखी पर्ची को गोबर में लपेटकर रखा था।
अब राजा की लाश मिलने के बाद सोनम भी आ गई है। उनके कपड़े और फोटो किसी के हाथ न लगें, इसलिए इन्हें शिप्रा में प्रवाहित कर दिए हैं।

राजा-सोनम का फोटो और उसके साथ मंत्र लिखा कागज दिखाते महंत रामेश्वरदास।
राजा-सोनम को खोजने के लिए ऐसे हुआ था अनुष्ठान
- रामेश्वर दास ने बताया कि राजा के कपड़े में एक अभिमंत्रित यंत्र रखा गया।
- उस यंत्र को गाय के गोबर से लीपकर राजा के कपड़े में लपेटकर रखा।
- फिर उसके ऊपर करीब 50 किलो का वजन रखा।
- एक मंत्र है, जिसे रोज सुबह शाम एक माला का जाप किया।
- उसमें अलग-अलग बीज मंत्र होते हैं और उन मंत्रों के अलग-अलग अक्षरों का अलग-अलग महत्व है।
- किसी व्यक्ति को गुम हो जाने पर पांच में से एक अक्षर लिखना पड़ता है।
- उस मंत्र को हम सिद्ध कर लेते हैं, इससे कार्य में सफलता मिलती है।
- इसके बाद तो जो भी गुम हुआ है, वो लड़का या लड़की जहां भी होगा वहां से वो अपने घर वापस आ जाता है।
- अगर उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसका भी पता चल जाता है।
- हमारे अनुष्ठान के बाद पांचवें दिन राजा के परिवार को उसका शव मिलने की खबर लग गई थी।

अलग-अलग बीज मंत्र और उन मंत्रों के अलग-अलग अक्षरों का अलग-अलग महत्व है।
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