
दक्षिण अफ्रीका ने डब्ल्यूटीसी फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर आईसीसी ट्रॉफी जीत ली है. दक्षिण अफ्रीका की इस जीत और टेम्बा बवूमा की कप्तानी से शुभमन गिल 5 सबक ले सकते हैं.

हाइलाइट्स
- दक्षिण अफ्रीका ने 27 साल बाद जीती आईसीसी ट्रॉफी.
- दक्षिण अफ्रीका की जीत से 5 सबक ले सकती है टीम इंडिया.
- शुभमन गिल को टेम्बा बवूमा जैसी लीडरशिप दिखानी होगी.
नई दिल्ली. दक्षिण अफ्रीका की जिस टीम को डब्ल्यूटीसी फाइनल (WTC Final) में ऑस्ट्रेलिया के सामने कोई भाव देने को तैयार ना था, उसने चौथे ही दिन खेल खत्म कर दिया. 27 साल बाद आईसीसी ट्रॉफी जीत ली. अफ्रीकी कप्तान टेम्बा बवूमा दर्द के बावजूद दुनिया की सबसे ताकतवर गेंदबाजी आक्रमण के सामने मैदान पर डटे रहे. सिर्फ कप्तान के नाते नहीं, बल्कि एक लीडर की तरह. बवूमा की इस लीडरशिप से भारत के नए कप्तान शुभमन गिल बहुत कुछ सीख सकते हैं. आइए जानते हैं वे 5 सबक कौन से हैं, जिन्हें सीखकर भारतीय टीम इंग्लैंड में जीत दर्ज कर सकती है.
टेम्बा बवूमा डब्ल्यूटीसी फाइनल में सेनापति की तरह लड़े. चोट खाई पर गिरे नहीं. पहली पारी में बेहतरीन 36 रन बनाए तो दूसरी पारी में 121 गेंदों पर 66 रन बनाए. उनकी दूसरी पारी तो अब इतिहास में दर्ज हो गई है कि कैसे एक कप्तान हैमस्ट्रिंग के बावजूद क्रीज पर डटा रहा. लंगड़ाता रहा पर रन दौड़ना नहीं छोड़ा. शॉट खेलना नहीं छोड़ा. शुभमन गिल को भी अपने खेल से मिसाल पेश करनी होगी. सब जानते हैं कि इंग्लैंड में उनका रिकॉर्ड औसत दर्जे का भी नहीं है. लेकिन यही तो मौका है. गिल अपने खेल का स्तर ऊंचा कर पूरी टीम के लिए उदाहरण पेश कर सकते हैं.
दक्षिण अफ्रीका की जीत में किसी एक खिलाड़ी का योगदान नहीं रहा. यह टीम की जीत थी. कैगिसो रबाडा (9 विकेट) को मार्को यानसेन (4 विकेट) और लुंगी एंगिडी (3 विकेट) का अच्छा साथ मिला. एडेन मार्करम (136 रन) ने शतक लगाया तो कप्तान बवूमा ने मैच में 102 और डेविड बेडिंघम ने 66 रन बनाए. शुभमन गिल को भी अपनी टीम से ऐसा ही प्रदर्शन लेना होगा. टीम इंडिया को स्टार परफॉर्मर की छवि से बाहर निकलना होगा. विराट कोहली, रोहित शर्मा, मोहम्मद शमी और रविचंद्रन अश्विन भले ही साथ नहीं है लेकिन जो खिलाड़ी टीम में हैं वे भी मैच विनर हैं. बस उनको सही भूमिका देनी होगी ताकि वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें.
3. रिकॉर्ड इग्नोर कर नया इतिहास बनाना होगा
ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 282 रन का लक्ष्य दिया था. यह ऐसा लक्ष्य था जो लॉर्ड्स में सिर्फ दो बार हासिल किया गया था. दक्षिण अफ्रीका खुद 100 साल से लंबे इतिहास में सिर्फ 5 बार 250 रन से ज्यादा बड़े लक्ष्य का पीछा कर पाई थी. रिकॉर्ड कह रहे थे कि लक्ष्य आसान नहीं लेकिन बवूमा की टीम ने आंकड़ों की किताब फाड़कर नया इतिहास रच दिया. शुभमन गिल को भी ऐसे रिकॉर्ड दिखाए जाएंगे जो यह साबित करेंगे कि इंग्लैंड में जीतना मुश्किल है. आखिर भारत 18 साल से वहां कोई सीरीज नहीं जीता है. गिल के लिए यहां फिर दक्षिण अफ्रीका का खेल काम आएगा. वे इससे प्रेरणा ले सकते हैं.
दक्षिण अफ्रीका की टीम ने डब्ल्यूटीसी फाइनल में वियान मुल्डर को तीसरे नंबर पर बैटिंग कराई. मुल्डर मूलत: बॉलिंग ऑलराउंडर की हैं लेकिन बवूमा के पास उनके लिए खास भूमिका थी. शुभमन गिल को भी अपने युवा खिलाड़ियों के लिए ऐसी ही भूमिका तैयार करनी होगी और उन्हें बिना डरे खेलने के लिए प्रेरित करना होगा. साई सुदर्शन जैसे युवा और करुण नायर जैसे अनुभवी खिलाड़ियों पर भरोसा करना होगा.
5. बुमराह को वर्कलोड मैनेजमेंट रबाडा की तरह करें
डब्ल्यूटीसी फाइनल के पहले दिन कैगिसो रबाडा ने अपने पहले ही स्पेल में दो विकेट झटक लिए थे. लेकिन उन्हें अपने दूसरे स्पेल के लिए लंचब्रेक के बाद तक इंतजार करना पड़ा. इस दौरान सारे एक्सपर्ट कहते रहे कि बवूमा गलती कर रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया दबाव में है और रबाडा को दोबारा जल्दी लाना चाहिए. लेकिन रोहित शर्मा जैसे कप्तान कहते हैं ना कि कॉमेंट्री बॉक्स में बैठे दिग्गज और टीम में मौजूद खिलाड़ियों की सोच में अंतर होता है. यही बात टेम्बा बवूमा पर भी लागू होती है. दक्षिण अफ्रीकी कप्तान को पता था कि रबाडा बैन के बाद लौटे हैं. उनके पास मैच प्रैक्टिस नहीं है और ज्यादा गेंदबाजी कराना उल्टा पड़ सकता है. बवूमा ने अपने इस स्टार बॉलर का बहुत संभाल-संभालकर इस्तेमाल किया. शुभमन गिल को भी जसप्रीत बुमराह का ऐसा ही इस्तेमाल करना होगा. इस खिलाड़ी का इतिहास चोट से भरा रहा है. अगर गिल ने बुमराह का वर्कलोड मैनेजमेंट सही ढंग से किया तो क्या पता कि वे 4 या 5 मैच खेलें. अगर उन पर वर्कलोड बढ़ा तो उनके फिर से चोटिल होने का खतरा रहेगा.
दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय. अप्रैल 2020 से News18Hindi में बतौर एसोसिएट एडिटर स्पोर्ट्स की जिम्मेदारी. न्यूज18हिंदी से पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, अमर उजाला अखबारों में पेज-1, खेल, देश-विदेश, इलेक्शन ड…और पढ़ें
दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय. अप्रैल 2020 से News18Hindi में बतौर एसोसिएट एडिटर स्पोर्ट्स की जिम्मेदारी. न्यूज18हिंदी से पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, अमर उजाला अखबारों में पेज-1, खेल, देश-विदेश, इलेक्शन ड… और पढ़ें
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