
1986 में भारत की क्रिकेट टीम इंग्लैंड दौरे पर गई थी, जहां कप्तान कपिल देव ने एक अप्रत्याशित निर्णय लिया. चेतन शर्मा की पीठ में खिंचाव के कारण टीम में बदलाव की आवश्यकता पड़ी, और कपिल देव ने मदन लाल को इंग्लैंड म…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- कपिल देव ने 1986 में मदन लाल को टेस्ट में खिलाया.
- मदन लाल ने इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले टेस्ट में 3 विकेट लिए.
- भारत ने 1986 में इंग्लैंड में 2-0 से टेस्ट सीरीज जीती.
नई दिल्ली. कभी कभी जीवन में इंसान कुछ ऐसे फैसले लेता है जिसकी वजह से इतिहास बनता है फिर वो चाहे खेल के मैदान के अंदर की बात हो या खेल के मैदान के बाहर की. ऐसे फैसले आपको सबक भी दे जाते है कि आगे बढञने के लिए कभी कभी अपने ताकत का सहीं इस्तेमाल भी करना जरूरी होता है. ऐसा ही एक फैसला इंग्लैंड में 19 साल पहले उस मैदान पर लिया गया जिस स्टेडियम में शुभमन गिल अपने पहले टेस्ट में कप्तानी करेंगे. ये वो फैसला था जिसकी वजह से भारतीय टीम दूसरी बार वहां सीरीज जीतने में कामयाब हुई.
कपिल देव का बड़ा फैसला
मैदान पर मदन मैजिक
मदन लाल ने इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले टेस्ट में शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने इंग्लैंड की पहली पारी में 18 रन देकर 3 विकेट लिए, जिससे इंग्लैंड की टीम 102 रन पर सिमट गई. भारत ने इस मैच में 279 रन से जीत दर्ज की, और सीरीज में 2-0 की बढ़त बनाई। मदन लाल की इस अप्रत्याशित वापसी और प्रदर्शन ने भारतीय क्रिकेट में एक नई मिसाल स्थापित की. इस निर्णय ने यह सिद्ध कर दिया कि कभी-कभी अप्रत्याशित निर्णय भी सफलता की कुंजी बन सकते हैं. कपिल देव के नेतृत्व में भारतीय टीम ने इंग्लैंड में पहली बार 2-0 से टेस्ट सीरीज जीती, जो भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रही. अब 19 साल बाद शुभमन गिल उसी मैदान पर कप्तानी करेंगे और फैंस उनसे कपिल देव जैसे कुछ कड़े और बड़े फैसले की उम्मीद कर रहा है.
Discover more from हिंदी न्यूज़ ब्लॉग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.