
Shubhanshu Shukla Axiom 4: भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला सहित चारों एस्ट्रोनॉट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंच चुके हैं. उन्होंने कहा कि मेरी यात्रा देशवासियों की यात्रा है. ड्रैगन अंतरिक्ष यान की डॉर्किंग प्रक्रिया जारी है. इस मिशन का संचालन भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला कर रहे हैं. वह स्पेस सेंटर में 14 दिन बिताएंगें.
ड्रैगन यान की डॉकिंग पूरी
एक्सिओम-4 (Ax-4) मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का ड्रैगन कैप्सूल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जुड़ गया है. उनके ड्रैगन यान की डॉकिंग पूरी हो गई है. अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की मां डॉकिंग का लाइव प्रसारण देखकर भावुक हो गईं.
शुभांशु शुक्ला के पिता का रिएक्शन
शुभांशु शुक्ला के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा, “हमें बहुत खुशी है. सफल डॉकिंग हुई है इसके लिए हम भगवान का धन्यवाद करते हैं. हमें ये देख कर बहुत अच्छा लगा. हमें अपने बच्चे पर गर्व है. उनकी बहन शुचि मिश्रा ने कहा, “यह न केवल मेरे लिए, बल्कि सभी भारतीयों के लिए गर्व का क्षण है. यह बहुत ही महत्वपूर्ण चरण है. मैं प्रार्थना करती हूं कि यह चरण भी जल्दी से गुजर जाए और वे सुरक्षित रहें.”
अंतरिक्ष यान करीब 28.5 घंटे की यात्रा के बाद गुरुवार (26 जून 2025) को भारतीय समय के अनुसार शाम करीब 4:05 बजे स्पेस स्टेशन से जुड़ा. एक्सिओम-4 मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर स्पेसएक्स का फाल्कन-9 रॉकेट 25 जून दोपहर 12:01 बजे फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से आईएसएस के लिए सफल उड़ान भरी थी.
#Axiom4Mission की डॉकिंग सफलतापूर्वक अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर हुई। इस मिशन का संचालन भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने किया।
(वीडियो: NASA via Reuters/ANI News YouTube) pic.twitter.com/syjMzS0oD5
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 26, 2025
उम्मीद के साथ देख रही पूरी दुनिया- केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बधाई देते हुए कहा, “बधाई हो…एक्सिओम-4 डॉकिंग सफल रही. शुभांशु अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के भीतर कदम रखने के लिए तैयार हैं. उनकी 14 दिनों की अंतरिक्ष यात्रा शुरू होने वाली है और पूरा विश्व उत्साह और उम्मीद के साथ देख रहा है.” उड़ान भरने के कुछ घंटों बाद उन्होंने अंतरिक्ष से अपना पहला संदेश जारी करते हए कहा, वाह… अद्भुत सफर था… सच कहूं तो जब मैं कल लॉन्चपैड पर कैप्सूल ग्रेस में बैठा था तो मेरे दिमाग में एक ही विचार था कि चलो बस चलते हैं.”
(ये स्टोरी अपडेट की जा रही है…)
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