शिमला. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला इन दिनों ट्रैफिक जाम से बेहाल है. यहां पर समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है. सुबह ऑफिस जाने वाले कर्मचारी और स्कूल जाने वाले बच्चों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शहर की मुख्य सड़कों पर सुबह से लेकर देर शाम तक वाहनों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं. ढली से संजौली, छोटा शिमला से पुराना बस स्टैंड और क्रॉसिंग से विधानसभा तक का हाल एक जैसा है — जहां भी देखिए, ट्रैफिक से लोग बेहाल हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां पहले 15 से 20 मिनट में सफर तय हो जाता था, अब वही रास्ता पार करने में डेढ़ से दो घंटे लग रहे हैं. ऑफिस देरी से पहुंचने पर डांट सुननी पड़ती है. वहीं, कई बार बच्चों को स्कूल समय पर पहुंचाना भी मुश्किल हो जाता है.
लोगों ने बताया कि यह समस्या कोई नई नहीं है. वर्षों से यही हालात बने हुए हैं, लेकिन प्रशासन और सरकार की ओर से इस दिशा में कोई ठोस और स्थायी कदम नहीं उठाया गया.
अवैध पार्किंग और लचर व्यवस्था बनी जाम की वजह
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि सड़क किनारे अवैध पार्किंग, दुकानों का अतिक्रमण और ट्रैफिक पुलिस की ढीली व्यवस्था इस समस्या को और बढ़ा रही है. सुबह, दोपहर और शाम — तीनों वक्त ट्रैफिक जाम आम बात हो गई है. लोगों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि जल्द कोई कारगर योजना बनाई जाए, जिससे उन्हें इस रोज़मर्रा की परेशानी से राहत मिल सके.
शिमला में जाम की समस्या से फिलहाल, राहत मिलती नहीं दिख रही है.
रोजाना दफ्तर लेट पहुंचे हैं
अवनीश ने बताया कि पहले तो दिन में ही जाम लगता था, लेकिन अब तो हर समय ही ऐसा ही हाल है. वह कहते हैं कि प्रशासन पता नहीं क्या कर रहा है. टूटी कंडी के रमेश ठाकुर का कहना है कि जाम की समस्या काफी समय से है.प्रशासन से अपील है कि कोई सिस्टम बनाया जाए. 20 मिनट के रास्ते के लिए 2 घंटे लग रहे हैं और डे बाई डे समस्या बढ़ रही है. अब तो घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. वह कहते हैं कि दफ्तर देर से पहुंचते हैं तो अफसरों की डांट सुननी पड़ती है…”
एक अन्य शख्स ने कहा, “बच्चों को समय पर स्कूल छोड़ना अब किसी जंग से कम नहीं…” “प्रशासन बस बैठकर तमाशा देख रहा है…” शहर के लोगों को अब प्रशासन से ठोस एक्शन की उम्मीद है, ताकि शिमला की सड़कों से यह जाम खत्म हो सके.
शिमला में ओल्ड बस स्टैंड के पास जाम.
एक शख्स ने कहा कि वह दफ्तर जान के लिए पैदल जा रहे हैं और गाड़ी में जाते हैं तो कभी भी समय पर दफ्तर नहीं पहुंचे हैं. बस चालकों ने कहा कि सड़कें शहर की छोटी है और इस वजह से भी जाम लग रहा है.
शिमला में बड़ी संख्या में टूरिस्ट भी पहुंच रहे हैं.
शिमला में गाड़ियों का सैलाब
गौरतलब है कि शिमला में इस बारिश टूरिस्ट की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है. शिमला में जून महीने के शुरुआती दो हफ्तों में 3 लाख गाड़ियां दाखिल हुई हैं. ऐसे में लगातार ट्रैफिक का दवाब बढ़ा है. साथ ही पार्किंग भी कम होना जाम की वजह है.