
नई दिल्ली: मैदान पर अपनी मुस्कान और कबड्डी स्टाइल में सेलिब्रेशन के साथ बेजोड़ आत्मविश्वास से ज्यादा शिखर धवन को एक शांत, लेकिन गहरी सोच रखने वाले क्रिकेटर के रूप में याद किया जाना चाहिए. टीम इंडिया के सबसे भरोसेमंद सफेद गेंद ओपनर्स में से एक रहे धवन की पहचान सिर्फ चौकों-छक्कों से नहीं, हालात को भांप लेने की गजब की क्षमता से भी है. यही खूबी उन्हें खास बनाती है.
शुरुआत धीमी, धमाका जबरदस्त
टेस्ट में सीमित सफलता, लेकिन कोई मलाल नहीं
33 टेस्ट में कई बेहतरीन पारियां खेलने के बावजूद धवन का टेस्ट करियर लंबा नहीं चला. 2018 की इंग्लैंड सीरीज के बाद उन्हें टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया. मीडिया को दिए खास इंटरव्यू में वह कहते हैं.
मैंने कोशिश की, लेकिन शायद मेरी बेस्ट परफॉर्मेंस काफी नहीं थी. अब जब पीछे देखता हूं तो खुश हूं कि मैंने जो हासिल किया, वो किसी सपने से कम नहीं.
धवन को टी-20 वर्ल्ड कप 2021 में जगह नहीं मिली, लेकिन वे पहले से समझ चुके थे कि अब बदलाव तय है. इस बारे में शिखर धवन कहते हैं.
मैंने किसी को फोन नहीं किया, क्योंकि मैं जानता था, हर किसी की अपनी सोच होती है और बहस करने से कुछ बदलता नहीं.
2013 चैंपियंस ट्रॉफी से लेकर 2022 तक. शिखर धवन ने भारत के लिए वनडे में जो योगदान दिया, वो बेमिसाल है. 2015 वर्ल्ड कप, 2017 चैंपियंस ट्रॉफी. सभी बड़े मौकों पर उन्होंने टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए. रोहित के साथ उनकी जोड़ी, सहवाग-गांगुली के बाद भारत की सबसे सफल ओपनिंग जोड़ी बनी, लेकिन 2023 वर्ल्ड कप टीम में जगह नहीं मिली. इस बारे में वह कहते हैं.
शुभमन गिल का प्रदर्शन शानदार था, मैं सिर्फ ODI खेल रहा था और वो तीनों फॉर्मेट में छा रहा था. ऐसे में मैं कहां था?
इशारा मिल गया था– ‘ये अंत हो सकता है‘
बांग्लादेश टूर 2022 में ईशान किशन के दोहरे शतक के बाद धवन ने खुद से कहा, ‘शायद यही मेरा आखिरी मैच हो.‘ लेकिन वे टूटे नहीं, बल्कि दोस्तों के साथ हंसी-मजाक किया और जिंदगी को वैसे ही अपनाया जैसे पिच पर गेंदों को अपनाते थे- मुस्कुराते हुए.
Discover more from हिंदी न्यूज़ ब्लॉग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.