नई दिल्ली. क्या लोगों का शेयर बाजार से मोहभंग हो रहा है? देश के चार ब्रोकर्स – ग्रो ( Groww), जेरोधा (Zerodha), एंजल वन (Angel One) और अपस्टॉक्स (Upstox) के एक्टिव क्लाइंट्स के आंकड़े देखें तो इस सवाल का जवाब हां में ही है. मई 2025 में एक बार फिर इन चारों ब्रोकर्स के एक्टिव कलाइंट्स की संख्या में गिरावट आई है. पिछले महीने इन सब ने मिलकर 2.7 लाख से ज्यादा एक्टिव क्लाइंट्स गंवाए. मार्च 2025 से अब तक ये 4.7 लाख से ज्यादा क्लाइंट्स खो चुके हैं. लगातार तीसरे महीने एक्टिव क्लाइंट्स की संख्या में गिरावट आने से ब्रोकरेज इंडस्ट्री में चिंता की लहर फैल गई है.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मई 2025 में NSE पर कुल एक्टिव क्लाइंट्स की संख्या भी मासिक आधार पर 3.6 फीसदी घटकर 4.69 करोड़ रह गई. पिछले महीने यानी मई में Groww ने 2,000 ग्राहक खोए, जिससे इसकी कुल एक्टिव क्लाइंट संख्या 1.28 करोड़ पर आ गई. जेरोधा को सबसे बड़ा झटका लगा, जिसके 76,000 ग्राहक घटे और इसका कुल बेस 77.58 लाख हो गया. एंजेल वन को 54,000 क्लाइंट्स का नुकसान हुआ और यह संख्या घटकर 74.49 लाख रह गई. Upstox ने भी 46,978 ग्राहक खोए, जिससे इसकी कुल एक्टिव क्लाइंट संख्या 26.60 लाख पर पहुंच गई.
ICICI Securities के बढे ग्राहक
जब बाकी ब्रोकरेज कंपनियां क्लाइंट खो रही थीं, उस वक्त ICICI Securities ने 3,158 नए ग्राहक जोड़ने में सफलता पाई, और इसका क्लाइंट बेस 19.50 लाख पर पहुंच गया. हालांकि इसके आंकड़े बाकी टॉप ब्रोकर्स की तुलना में कम हैं, लेकिन यह इकलौती टॉप ब्रोकरेज कंपनी रही जिसने मई में ग्राहकों की संख्या बढ़ाई.
Groww अब भी सबसे आगे, लेकिन रफ्तार धीमी
कुल ग्राहकों के लिहाज से Groww अब भी टॉप पोजिशन पर है, लेकिन 2025 में इसकी ग्रोथ की रफ्तार धीमी रही है. मार्च से मई के बीच ग्रो के एक्टिव क्लाइंट्स में 1% की गिरावट आई. जेरोधा और एंजल वन में भी 1.7% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि अपस्टॉक्स को सबसे अधिक नुकसान हुआ. इसकी एक्टिव क्लाइंट संख्या में 3.2% की भारी गिरावट आई.
गिरावट की शुरुआत
NSE के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2024 के अंत तक NSE पर एक्टिव क्लाइंट्स की संख्या 5 करोड़ से ऊपर थी. FY24 (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) के दौरान NSE का एक्टिव क्लाइंट बेस 11.7% की दर से बढ़ा, जो 4.36 करोड़ से बढ़कर 4.87 करोड़ हो गया. इसमें से 65% से अधिक ग्राहक टॉप 5 ब्रोकर्स के थे. लेकिन 2025 की शुरुआत के साथ ही इस बढ़त की गति कम होने लगी. अप्रैल और मई 2025 में NSE पर एक्टिव क्लाइंट्स की संख्या लगातार घटी, जिससे बाजार में एक स्पष्ट मंदी का संकेत मिला.
गिरावट के पीछे मुख्य कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं:
- SEBI द्वारा फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग (F&O) पर कड़े नियम लागू करना, जिससे निवेशकों में सतर्कता आई है.
- शेयर बाजार में सकारात्मक भावनाओं की कमी, खासतौर पर मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट में.
- पिछले साल की तुलना में कम IPO गतिविधियां, जिससे नए निवेशकों को जोड़ने का मौका घटा.
- F&O ट्रेडिंग पर रेगुलेटरी दबाव के चलते निवेशकों ने जोखिम लेने से परहेज किया है, जिससे ट्रेडिंग वॉल्यूम और एक्टिव यूजर्स की संख्या में गिरावट आई है.
क्या अस्थाई है गिरावट?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है. जून में कई बड़े IPO लॉन्च हो रहे हैं. इनमें एसएमपीपी लिमिटेड, अवांसे फाइनेंशियल और NSDL जैसे नाम प्रमुख हैं. इन IPOs में मजबूत ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) के चलते रिटेल निवेशकों की दिलचस्पी फिर से बढ़ रही है.
https://forgavedisciplinetolerance.com/m3dcjy3rx8?key=8f3b325a925302730bd6eb206fb21096