यह फंड 16 अगस्त 2004 को लॉन्च हुआ था और तब से अब तक इसने लगभग 20.1 फीसदी का सालाना रिटर्न दिया है. वैल्यू फंड उन कंपनियों में निवेश करते हैं जो अभी कम कीमत पर मिल रही हैं, लेकिन भविष्य में दमदार प्रदर्शन कर सकती हैं.
कितना बढ़ा निवेश?
- अगर आपने 2004 में 1 लाख रुपये लगाए होते, तो 31 अक्टूबर 2025 तक यह रकम 48.5 लाख रुपये तक पहुंच जाती.
- 3 साल पहले 1 लाख रुपये लगाते तो आज बनते 1.77 लाख रुपये
- 5 साल पहले 1 लाख रुपये लगाते तो आज मूल्य होता 2.66 लाख रुपये
- SIP कमाल: शुरुआत से अब तक 10,000 रुपये की SIP का कुल निवेश 25.5 लाख, जिसकी वैल्यू आज 2.40 करोड़ रुपये होती.
किस-किस में निवेश?
रिलायंस इंडस्ट्रीज: 7.23 फीसदी
इंफोसिस: 6.91 फीसदी
एचडीएफसी बैंक: 6.48 फीसदी
आईसीआईसीआई बैंक: 6.31 फीसदी
टीसीएस: 4.53 फीसदी
एक्सिस बैंक: 4.49 फीसदी
सन फार्मा: 4.46 फीसदी
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू फंड का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 55,444 करोड़ रुपये है और इसे मसोमी झुरमारवाला, धर्मेश कक्कड़ और संकरा मैनेज कर रहे हैं.
म्यूचुअल फंड क्या है?
म्यूचुअल फंड एक ऐसा निवेश माध्यम है, जिसमें कई लोगों का पैसा एक जगह इकट्ठा करके एक प्रोफेशनल फंड मैनेजर उसे शेयर, बॉन्ड, गोल्ड या अन्य निवेश विकल्पों में लगाता है. इसे ऐसे समझिए जैसे कई लोग मिलकर एक बड़ी टोकरी में पैसा डाल दें और उस टोकरी को संभालने की जिम्मेदारी एक एक्सपर्ट को दे दी जाए. बदले में हर निवेशक को उसकी हिस्सेदारी के अनुसार यूनिट्स मिलती हैं और मुनाफा भी उसी अनुपात में मिलता है. इसे एक छोटी कहानी से समझते हैं. मान लीजिए आप और आपके 9 दोस्त मुंबई घूमने जा रहे हैं. किसी को नहीं पता कि कौन-सा होटल बुक करना है, किस कैब से जाना है या कौन-सी जगहें घूमनी चाहिए. आप सब मिलकर फैसला करते हैं कि एक अच्छे ट्रैवल गाइड को हायर कर लेते हैं. हर दोस्त 1,000 रुपये देता है और कुल 10,000 रुपये की एक टोकरी बन जाती है. अब गाइड इस पैसे से होटल, कैब और घूमने का पूरा इंतजाम प्रोफेशनल तरीके से करता है. आखिर में सफर शानदार होती है और सभी खुश रहते हैं. म्यूचुअल फंड भी बिल्कुल इसी तरह काम करता है.
म्यूचुअल फंड के मुख्य फायदे
- एक्सपर्ट मैनेजमेंट- आपका निवेश एक अनुभवी फंड मैनेजर संभालता है, जो लगातार बाजार, कंपनियों और जोखिम का विश्लेषण करता रहता है. इससे नए निवेशक भी आसानी से शुरुआत कर सकते हैं.
- डाइवर्सिफिकेशन का फायदा- आपका पैसा किसी एक जगह नहीं लगता, बल्कि अलग-अलग कंपनियों, सेक्टर्स और एसेट्स में बांटा जाता है. इससे जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है.
- कम पैसे से निवेश की सुविधा- म्यूचुअल फंड में आप छोटी राशि से भी शुरुआत कर सकते हैं, खासकर SIP के जरिए.
- लिक्विडिटी- ज्यादातर फंड में जरूरत पड़ने पर आप अपनी यूनिट्स बेचकर जल्दी से पैसा निकाल सकते हैं.
- पारदर्शिता और सुरक्षा- म्यूचुअल फंड पूरी तरह रेगुलेटेड और पारदर्शी होते हैं। निवेशक फंड के पोर्टफोलियो, खर्च और परफॉर्मेंस की जानकारी कभी भी देख सकते हैं.
- टैक्स सेविंग का फायदा- ELSS जैसे टैक्स सेविंग फंड में निवेश करने पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट मिलती है.
(Disclaimer: म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिम के अधीन है. अगर आप इसमें पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें. आपके किसी भी तरह की लाभ या हानि के लिए News18 जिम्मेदार नहीं होगा.)


