
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार भारत और पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) आमने सामने होंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए अजीत डोभाल बुधवार (25 जून, 2025) को शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) समिट में शामिल होने के लिए चीन के किंगादो पहुंचेंगे. इस मीटिंग में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और एनएसए आसिम मलिक भी शामिल होने वाले हैं. अजीत डोभाल पहले से ही चीन में हैं और सोमवार को उनकी चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात भी हुई.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहला मौका होगा जब भारत और पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और एनएसए एक छत के नीचे आमने-सामने होंगे. भारत बैठक में आतंकवाद का मुद्दा भी उठा सकता है और पाकिस्तान के सामने बैठकर उसको बेनकाब करेगा कि कैसे वहां से आतंकी साजिशें रची जाती हैं.
25 और 26 जून को एससीओ मीटिंग होनी है और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके बताया है कि वह मीटिंग में शामिल होने के लिए चीन के लिए आज रवाना होंगे. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, ‘एससीओ मीटिंग के जरिए विभिन्न देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा करने का मौका मिलेगा. वैश्विक शांति, सुरक्षा और आतंकवाद को खत्म करने के लिए संयुक्त और सतत प्रयासों का आह्वान करने के लिए तत्पर हूं.’
एससीओ बैठक से इतर भारत रूस और चीन समेत अन्य सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों और एनएसए से मुलाकात करेगा, लेकिन पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बैठक होने की उम्मीद ना के बराबर है क्योंकि भारत साफ कर चुका है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद और पाक अधिकृत कश्मीर (POK) पर बात नहीं करता है, तब तक किसी और मुद्दे पर उसके साथ चर्चा नहीं की जाएगी.
भारत हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ रहा है. पाकिस्तान की धरती पर पल रहे आतंकी संगठन भारत के खिलाफ साजिशें रचते हैं और पहलगाम हमले जैसे घटनाओं को अंजाम देते हैं, लेकिन पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर झूठ बोलता रहा है और अब खुद को आतंक का पीड़ित बताने लगा है. लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद जैसे खूंखार आतंकी संगठनों के आकाओं को पाकिस्तान ने पनाह दी हुई है. वहां टेरेरिस्ट कैंप चलाए जाते हैं, लेकिन पाकिस्तान इससे नकारता रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर समेत तमाम मंत्री कह चुके हैं कि व्यापार और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते हैं. अब दोनों देशों के बीच एक ही बात करने लायक है और वो ये है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को भारत को सौंप दे और जम्मू-कश्मीर के उस हिस्से को खाली कर दे जिस पर उसने गैरकानूनी तरीके से कब्जा किया हुआ है. भारत ने कहा है कि जब तक ये मुद्दे हल नहीं होंगे तब तक पाकिस्तान के साथ कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी.
साल 2001 में एससीओ का गठन हुआ था और 2017 में भारत उसका सदस्य बना. साल 2023 में एससीओ मीटिंग नई दिल्ली में हुई थी, तब पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ बैठक में शामिल होने के लिए भारत नहीं आए थे, बल्कि वर्चुअली वह मीटिंग में शामिल हुए थे. एससीओ के सदस्य देशों में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, किर्गीस्तान, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, ईरान और बेलारूस हैं.
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