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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (RCOM) के लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित कर दिया है। SBI अब RCOM के पूर्व डायरेक्टर अनिल अंबानी का नाम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को रिपोर्ट करने की तैयारी कर रहा है। जिससे टेलीकॉम कंपनी के फाइनेंशियल पर नई कंट्रोवर्सी शुरू हो गई है।
SBI ने 23 जून 2025 को RCOM को एक लेटर भेजकर कहा कि उसकी फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन कमेटी ने कंपनी के लोन अकाउंट को फर्जी करार दिया है। फॉरेंसिक ऑडिट और कई नोटिसों के बाद बैंक ने पाया कि कंपनी ने फंड का दुरुपयोग किया। आरोप है कि RCOM ने लोन के पैसों को रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड (RTL) और ग्रुप की अन्य कंपनियों को डायवर्ट किया। साथ ही लोन की शर्तों का उल्लंघन भी किया।
अनिल अंबानी का नाम RBI को भेजने की प्रोसेस कर रहा SBI
इसके चलते SBI अब RCOM के लोन अकाउंट और अनिल अंबानी का नाम RBI को भेजने की प्रोसेस कर रहा है। यह पहली बार नहीं है, जब RCOM पर इस तरह के आरोप लगे हैं। नवंबर 2024 में कैनरा बैंक ने भी RCOM के अकाउंट को फ्रॉड घोषित किया था, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने उस कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।
ये आरोप RCOM के उन लोन्स से जुड़े हैं, जो कंपनी ने जून 2019 में दिवालिया प्रक्रिया (CIRP) शुरू होने से पहले लिए थे। उस समय RCOM भारी कर्ज में डूबी थी और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच की निगरानी में दिवालिया प्रक्रिया शुरू हुई थी।
वर्तमान में कंपनी का मैनेजमेंट रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल अनीश निरंजन नानावटी के पास है। लेनदारों ने एक रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी दे दी है, जिसपर अब NCLT के फाइनल अप्रूवल का इंतजार है।

नवंबर 2024 में कैनरा बैंक ने भी RCOM के अकाउंट को फ्रॉड घोषित किया था।
कंपनी इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत सुरक्षित: RCOM
RCOM ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि कंपनी इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत सुरक्षित है। कंपनी का कहना है कि ये लोन 2019 से पहले के हैं और इनसे जुड़े सभी दावों का निपटारा रिजॉल्यूशन प्लान या लिक्विडेशन के जरिए होना चाहिए।
IBC की धारा 32A के तहत अगर NCLT रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी दे देता है, तो कंपनी 2019 से पहले के अपराधों के लिए जवाबदेह नहीं होगी। RCOM ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा, ‘दिवालिया प्रक्रिया के दौरान कंपनी किसी भी मुकदमे या कार्रवाई से सुरक्षित है।’ कंपनी अब कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ले रही है, ताकि SBI की कार्रवाई का जवाब दे सके।
यह घटना अनिल अंबानी के लिए एक और चुनौती है, जिनका कारोबारी साम्राज्य कई सालों से मुश्किलों में है। कभी भारत के टेलीकॉम और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में बड़ा नाम रहे अनिल अंबानी को RCOM और ग्रुप की अन्य कंपनियों के भारी कर्ज के कारण कई वित्तीय और कानूनी लड़ाइयों का सामना करना पड़ा है।
SBI की कार्रवाई से RCOM और अनिल अंबानी पर क्या असर होगा?
SBI की ओर से अनिल अंबानी का नाम RBI को भेजने की कार्रवाई उनकी प्रतिष्ठा और भविष्य के कारोबारी लेनदेन पर असर डाल सकती है। वहीं, RCOM के लिए फ्रॉड का यह टैग उसकी चल रही दिवालिया प्रक्रिया को और मुश्किल कर सकता है। हालांकि, कंपनी को उम्मीद है कि NCLT की मंजूरी से उसे राहत मिलेगी, लेकिन ये नए आरोप प्रक्रिया में देरी या रुकावट पैदा कर सकते हैं।
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