लीड्स से राजीव की रिपोर्ट. इंडिया में टेस्ट क्रिकेट के नंबर तीन के स्थान पर लगातार प्रयोग होना भारतीय क्रिकेट के एक जटिल और बहुत पुरानी बीमारी की ओर इशारा करता है. यह वह स्थान है जहां एक खिलाड़ी को तकनीकी रूप से सक्षम, मानसिक रूप से मजबूत और परिस्थिति के अनुसार खेल बदल सकने वाला होना चाहिए. चेतेश्वर पुजारा के बाद भारत ने इस अहम पोजीशन पर कई खिलाड़ियों को आजमाया है. आइए इस स्थिति का एक गहराई से विश्लेषण करते हैं:
चेतेश्वर पुजारा साल 2023 तक भारत के लिए नंबर 3 पर रीढ़ की हड्डी की तरह खेले. लेकिन पिछले कुछ सालों में उनका स्ट्राइक रेट और रन-स्कोरिंग क्षमता घट गई थी, जिससे टीम ने उन्हें धीरे-धीरे बाहर का रास्ता दिखाया. हालांकि पुजारा ने कई बार इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में बड़ी पारियां खेली थीं, लेकिन उनका धीमा खेल कभी-कभी दबाव बढ़ा देता था.
डिमांड है सप्लाई नहीं
टीम इंडिया अब धीरे-धीरे “अटैकिंग टेस्ट क्रिकेट” को अपनाने की कोशिश कर रही है, जो इंग्लैंड की “बैजबॉल” रणनीति से प्रेरित है. ऐसे में नंबर 3 पर एक ऐसा खिलाड़ी चाहिए जो परिस्थिति के अनुसार गियर बदल सके — तेज भी खेले और टिके भी. भारत के पास रणजी ट्रॉफी में भरपूर टैलेंट है, लेकिन घरेलू क्रिकेट में रन बनाना और विदेशों में नंबर 3 पर परफॉर्म करना – दोनों अलग बातें हैं. चयनकर्ता कई खिलाड़ियों को आज़मा रहे हैं, लेकिन उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समय देना एक जोखिम है.
साई सुदर्शन अपने डेब्यू टेस्ट में खाता नहीं खोल सके.
भारत के पास रणजी ट्रॉफी में भरपूर टैलेंट है, लेकिन घरेलू क्रिकेट में रन बनाना और विदेशों में नंबर 3 पर परफॉर्म करना – दोनों अलग बातें हैं. चयनकर्ता कई खिलाड़ियों को आज़मा रहे हैं, लेकिन उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समय देना एक जोखिम है. टीम इंडिया के लिए नंबर 3 पोजीशन सिर्फ एक स्थान नहीं, बल्कि एक रणनीतिक नींव है.
पुजारा के बाद यह पोजीशन “ट्रांज़िशन” में है, और जब तक टीम इस स्थान के लिए किसी एक खिलाड़ी पर भरोसा नहीं जताती, तब तक ये प्रयोग जारी रहेंगे. भारत को एक ऐसे बल्लेबाज़ की तलाश है जो राहुल द्रविड़ की तकनीक और पुजारा की धैर्यता के साथ, वर्तमान क्रिकेट की आक्रामक सोच को संतुलित कर सके. साई सुदर्शन की दोनों पारिययो ने एक बार फिर उस पेशानी के टीम के सामने ला दिया है जिसमें हम पिछले तीन सा़ से खेल नहीं पा रहे .
नंबर 3 पर 4 खिलाड़ियों खिलाड़ी
2023 में चेतेश्वर पुजारा के टीम से हटने के बाद अबतक कुल 4 खिलाडी भारत के लिए खेले उसी फेहरिस्त में अगला नाम साई सुदर्शन का है. आईपीएल में रनों का अंबार लगाने वाले साई की बल्लेबाजी थोडा धुंधली साबित हुई . टीम हारे या जीते साई अगला टेस्ट भी खेलेंगे पर. सवाल बडा ये हा कि ये प्रयोग कब तक चलेगा.
हैरानी कि बात है कि लंबे समय से जगह खाली है और हम एक्सपेरीमेंट करते जा रहे है बजाय सोलुशन ढूढने के साई सुदर्शन ने पहली पारी में 0 और दूसरी पारी में 30 रन बनाए. पारी के दौरान किसी भी पल ये समझा नहीं पाए कि वो इस नंबर के प्रबल दावेदार है. जो वाकई में टॉप 3 में जगह पाने के दावेदार हैं और सालों से टीम के साथ घूम रहे हैं उनकी तरफ टीम मैनेजमेंट देखती क्यों नहीं ये भी अपने आप में बड़ा सवाल है.