
Russia-Ukraine war: रूस ने रविवार (29 जून 2025) को यूक्रेन के F-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया, जिसमें एक यूक्रेनी पायलट की मौत भी हो गई. यूक्रेनी सेना ने बताया कि पिछली रात रूस ने कई सारे ड्रोन और मिसाइल हमले किए थे. उसी दौरान एक F-16 फाइटर जेट रूसी सेना के निशाने पर आ गया और तबाह हो गया.
रूस ने शनिवार (28 जून 2025) की रात को 500 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागकर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया. इस हमले ने पश्चिमी, दक्षिणी और मध्य यूक्रेन के कई इलाकों को दहला दिया.
यूक्रेन की वायु सेना ने बताया कि उसने 477 ड्रोन और 60 मिसाइलों का सामना किया. इनमें से 249 ड्रोन को मार गिराया गया और 226 को इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग के ज़रिए बेअसर किया गया. यह हमला युद्ध की शुरुआत के बाद से रूस की ओर से सबसे शक्तिशाली बमबारी अभियान के रूप में देखा जा रहा है.
पायलट ने 7 टारगेट मार गिराए, F-16 क्षतिग्रस्त होने के बाद मौत
यूक्रेन की वायु सेना ने पुष्टि करते हुए कहा कि हमले को रोकने के प्रयास में एक F-16 फाइटर जेट रूसी सेना का टारगेट बन गया और उसका पायलट शहीद हो गया. पायलट ने 7 हवाई हमलों को मार गिराया, लेकिन आखिरी टारगेट पर हमला करते समय जेट को नुकसान पहुंचा. मिसाइल से टकराने के बाद फाइटर जेट ऊंचाई से तेजी से गिरने लगा. इस दौरान पायलट आबादी वाले क्षेत्र से विमान को दूर ले जाने की कोशिश करता रहा. यूक्रेन की वायु सेना ने टेलीग्राम पर बयान जारी करते हुए कहा कि पायलट ने अपने सभी ऑनबोर्ड हथियारों का इस्तेमाल किया, लेकिन आखिरी हमले में विमान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और वह समय पर बाहर नहीं निकल सका. रूस के हमलों में अब तक यूक्रेन के तीन फाइटर जेट तबाह हो चुके हैं.
रूस ने तेज किए यूक्रेन पर हवाई हमले
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला रूस की तरफ से बमबारी की रणनीति को तेज करने का संकेत है. एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि इस स्तर की सैन्य आक्रामकता से शांति वार्ता की संभावनाएं और अधिक धूमिल हो गई हैं. रूस ने इस हमले के दौरान क्रूज, बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक मिसाइलों के साथ-साथ ‘फाल्स टारगेट्स’ (नकली हथियार) का भी इस्तेमाल किया ताकि यूक्रेनी डिफेंस सिस्टम को भ्रमित किया जा सके.
यूक्रेन को अमेरिका और सहयोगियों से मिला था समर्थन
यूक्रेन को हाल ही में नीदरलैंड और डेनमार्क की मदद से F-16 लड़ाकू विमानों की पहली खेप मिली थी. इन विमानों को अमेरिकी ट्रेनिंग और तकनीकी सहयोग के तहत ऑपरेट किया जा रहा है. 26 मई 2025 को वोल्केल एयरबेस से दो अंतिम F-16 विमानों में से एक को यूक्रेन भेजा गया था, लेकिन अब एक और विमान खोने के बाद यूक्रेन की वायु सुरक्षा क्षमता पर दबाव और बढ़ गया है.
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