
कहानी यह है कि पति एक ऑटो चालक हैं और खराब सेहत ने उनकी कमाई को काफी सीमित कर दिया है. उनकी दोनों बेटियां हैं जो पढ़ाई में काफी होनहार हैं. बड़ी बेटी बी.टेक की पढ़ाई कर रही है, जबकि छोटी बेटी ने इंटरमीडिएट में 468/470 अंक हासिल किए हैं. अब एक तरफ बेटियों के उज्ज्वल भविष्य और अस्पताल के खर्चों की चिंता है, तो दूसरी तरह आर्थिक दबाव के नीचे दम तोड़ती गरिमा और सामाजिक मर्यादा है.
मजबूरी या गलत कदम?
पुलिस के मुताबिक, दरअसल, इस आर्थिक संकट से उबरने के लिए इस दंपत्ति ने एक मोबाइल ऐप पर अपने निजी क्षणों को लाइव स्ट्रीम(live streaming their sexual acts) करना शुरू कर दिया. इसके लिए उन्होंने मास्क पहनकर अपनी पहचान छुपाई. लाइव वीडियो और रिकॉर्डेड क्लिप्स बनाया और इन्हें बेचना शुरू किया. इस तरह उन्होंने पैसा कमाना शुरू किया, जो शायद ऑटो चलाने से कही ज्यादा अधिक थे.
रिश्तों पर क्या पड़ेगा असर-
माता-पिता और बच्चों का रिश्ता: उन्होंने जो किया, वह बच्चों के लिए किया. लेकिन जब बच्चे इस सच से रूबरू होंगे, तो क्या वे अपने माता-पिता के इस निर्णय को समझ पाएंगे?
इस तरह की घटनाएं समाज और नैतिकता के बीच खिंचती एक महीन रेखा को भी उजागर करती है. एक ओर माता-पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं. दूसरी ओर, समाज उनके इस कदम को न केवल निंदनीय मानता है, बल्कि कानून भी इसे अपराध की श्रेणी में रखता है.
क्या सही, क्या गलत?
इस सवाल का जवाब आसान नहीं है. एक तरफ यह दंपत्ति अपने परिवार के लिए बेहतर भविष्य की उम्मीद में कानून और समाज की मर्यादाओं को तोड़ने को मजबूर हुआ. तो दूसरी तरफ, उनका यह कदम उनके ही बच्चों और उनके रिश्तों पर भविष्य में गहरा असर छोड़ सकता है.
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