आज की तेज रफ्तार जिंदगी में लोग प्यार तो करना चाहते हैं, पर उसके साथ आने वाली जिम्मेदारियों का बोझ उठाने से कतराते हैं. यही वजह है कि मनोज बाजपेयी की यह बात नए और पुराने दोनों तरह के रिश्तों के लिए मायने रखती है. उनके अनुभव हमें बताते हैं कि मजबूत रिश्ते जन्म से नहीं बनते, बल्कि उन्हें हर दिन थोड़ी-थोड़ी कोशिशों से तैयार करना पड़ता है.
रिश्तों में अहंकार क्यों चुनौती बन जाता है?
रिश्तों में सबसे बड़ा खतरा हमेशा किसी तीसरे व्यक्ति से नहीं आता, बल्कि कई बार यह हमारे अंदर से पैदा होता है. छोटी-छोटी बातों पर हम अपनी सोच या अपना तरीका थोपने की कोशिश करते हैं, और हमें लगता है कि सामने वाला हमारी बात मान ले. धीरे-धीरे यह चीजें खटास का रूप ले लेती हैं और रिश्ता भारी लगने लगता है.
बहुत से लोग मानते हैं कि अपनी पहचान कायम रखना जरूरी है, और यह बात सही भी है. लेकिन पहचान और अहंकार में फर्क होता है. पहचान आपको मजबूत बनाती है, जबकि अहंकार आपको दूसरे से दूर कर देता है. जब हम खुद को बेहतर समझने लगते हैं, तो साझेदारी कमजोर पड़ने लगती है.
रिश्ते तभी संतुलित रह पाते हैं जब दोनों लोग एक-दूसरे की भावनाओं की कद्र करें और यह समझें कि सामने वाला भी इंसान है उसके भी डर, उम्मीदें, तकलीफें और चाहतें हैं.
रिश्ते चलाने का मूल मंत्र: भावनात्मक देखभाल
किसी भी रिश्ते का असली आधार आपसी भावनात्मक साथ होता है. इसका मतलब है कि जब आपका साथी कुछ साझा करे, तो आप सच में उसकी बात सुनें, उसे समझें और उसके लिए मौजूद रहें.
कुछ लोगों को ज्यादा करीब रहने की चाह होती है, कुछ को सराहना के शब्द चाहिए होते हैं, कुछ को सुरक्षा का एहसास अहम लगता है, जबकि कुछ के लिए आपका शांत सहारा काफी होता है. इसका कोई तय नियम नहीं होता, क्योंकि हर व्यक्ति अलग होता है.
रिश्ते को मजबूत करने का मतलब है साथी को यह महसूस कराना कि वह आपके लिए महत्वपूर्ण है और आप उसकी भावनाओं को खुले मन से स्वीकार करते हैं.
रिश्तों को मजबूत करने के आसान तरीके
1. साथ में समय निकालें:
चाहे कितनी भी व्यस्तता हो, सप्ताह में एक दिन या कुछ घंटे सिर्फ साथ बिताएं. यह डेट नाइट हो सकती है, टहलना हो सकता है या सिर्फ कॉफी पर बातचीत.
2. रोज की छोटी आदतें बनाएं:
सुबह पूछना कि नींद कैसी रही, शाम को एक-दूसरे से दिन का हाल जानना ये छोटी बातें रिश्ता जोड़कर रखती हैं.

3. सिर्फ काम की बातें न करें:
बिल, काम और जिम्मेदारियों के अलावा भी जिंदगी है. अपने सपनों, डर, यादों या मजेदार बातों पर चर्चा करें.
4. घर के काम बराबर बांटें:
जब एक व्यक्ति हर जिम्मेदारी उठाता है, तो रिश्ते में तनाव बढ़ता है. बराबरी से काम बांटने से दोनों को राहत मिलती है.
5. शारीरिक अपनापन बनाए रखें:
हाथ पकड़ना, गले लगना या पास बैठना भी रिश्ते में गर्माहट बनाए रखते हैं.
6. मदद लेना कमजोरी नहीं है:
परिवार या दोस्तों से बच्चों या घर के काम में सहायता लें ताकि आप दोनों को एक-दूसरे से जुड़ने का समय मिल सके.
7. जरूरत हो तो थेरेपी लें:
अगर लगातार दूरी महसूस हो रही है, तो कोई विशेषज्ञ आपकी मदद कर सकता है.


