
हजारीबाग में मानसून से पहले आई बारिश के साथ टेकनस सब्जी बाजार में दिखने लगी है. जंगलों में मिलने वाली यह सब्जी 40-50 दिनों के लिए ही उपलब्ध होती है. इसकी कीमत 2000 रुपए प्रति किलो तक है. इसे आदिवासियों की पारंप…और पढ़ें
- टेकनस सब्जी 40-50 दिनों के लिए उपलब्ध होती है
- इसकी कीमत 2000 रुपये प्रति किलो तक होती है
- टेकनस को शाकाहारी मटन माना जाता है
हजारीबाग: वैसे तो झारखंड के हर कोने में तरह-तरह की साग-सब्जियां और मांसाहारी पकवानों का अपना अलग प्रचलन है, लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिनका लोग सालभर बेसब्री से इंतजार करते हैं. उन्हीं में से एक है जंगलों से आने वाली बेहद स्वादिष्ट सब्जी टेकनस. यह सब्जी साल में सिर्फ 40 से 50 दिनों के लिए ही बाजार में दिखाई देती है और जब आती है तो इलाके में इसकी चर्चा आम हो जाती है.
आसान नहीं जंगलों से लाना
उन्होंने आगे बताया कि यह सब्जी घने जंगलों में पायी जाती है. इसे खोजना और बिनना आसान काम नहीं है. ग्रामीण लोग सुबह 4 उठकर जंगलों में जाकर इसकी तलाश करते हैं. खास तौर पर सांप और चींटियों के बिलों और सखुआ के पेड़ों के नीचे मिलता है. अमूमन हर साल सबसे पहले रुगड़ा बाजारों में देखने को मिलता था. लेकिन इस साल सबसे पहले टेकनस जंगलों में उग आया है.
ऐसे बनती सब्जी
हजारीबाग में टेकनस को बनाने के दो तरीके सबसे ज़्यादा चलन में हैं. एक में इसे पानी में उबालकर पकाया जाता है और दूसरे में केवल धोकर. सबसे पहले इसे अच्छे से धोकर छोटे टुकड़ों में काट लेते हैं या हल्का उबाल लेते है. फिर एक बर्तन में तेल गर्म करके उसमें प्याज को सुनहरा भूनते हैं. इसके बाद अदरक, लहसुन और हरी मिर्च का पेस्ट डालकर भूनते हैं. अब इसमें टेकनस डाल दिया जाता है और साथ में स्वादानुसार नमक. थोड़ी देर पकाने के बाद इसमें हल्दी, धनिया पाउडर और गरम मसाला मिलाकर अच्छे से पकाया जाता है. अंत में ऊपर से हरा धनिया डालते ही टेकनस तैयार हो जाता है. इसकी खुशबू से ही भूख बढ़ जाती है.
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