
Ajmer Famous Malpua: मानसून के सुहाने मौसम में श्रद्धालुओं और सैलानियों की संख्या में भी इजाफा होता है. जैसे-जैसे पर्यटक पुष्कर में कदम रखते हैं, वे वहां की विशेष मिठाइयों और व्यंजनों का स्वाद चखने का मोह नहीं …और पढ़ें
- पुष्कर का रबड़ी वाला मालपुआ विश्वभर में मशहूर है.
- मानसून में पुष्कर के मालपुओं की डिमांड बढ़ जाती है.
- मालपुआ 480 रुपये प्रति किलो बिकता है.
अजमेर. अजमेर से 16 किलोमीटर दूर स्थित पुष्कर अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है .मगर यहां एक और खासियत है जो देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के दिल में बस जाती है- वह है पुष्कर का मशहूर रबड़ी वाला मालपुआ. खासतौर से मानसून के सीजन में पुष्कर में बनने वाले मालपुओं की डिमांड में जबरदस्त इजाफा देखने को मिलता है.
दुनियाभर में मशहूर
मालपुआ कारोबारी गिरिराज वैष्णव ने आगे बताया कि पुष्कर का रबड़ी वाला मालपुआ अब सिर्फ राजस्थान या भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह विश्वभर में मशहूर हो गया है. देश-विदेश से आने वाले सैलानियों के लिए यह एक मस्ट ट्राई व्यंजन है, जो पुष्कर की सांस्कृतिक विरासत और स्वाद को समेटे हुए है.
मालपुआ कारोबारी गिरिराज वैष्णव ने बताया कि रबड़ी के मालपुओं को बनाने में दूध व मैदा काम में लिया जाता है. दूध को लगातार उबालने के बाद गाढ़ा किया जाता है. इस रबड़ीनुमा दूध में मैदा मिलाकर घोल बनाया जाता है. फिर इस घोल से देशी गर्म घी में डालकर जालीदार मालपुए बनाए जाते है. इनकी कड़क सिकाई के बाद मालपुओं को एक तार की चासनी में डुबो दिया जाता है.
480 रुपए किलो बिकता है मालपुआ
वैष्णव ने आगे बताया कि पुष्कर के रबड़ी के मालपुए की प्रसिद्धि इतनी बढ़ चुकी है कि इन्हें ऑर्डर पर देश-विदेशों में कुरियर के जरिए भेजा जाता है. मानसून के सीजन में इसकी खपत दो गुना हो जाती है. कीमत की बात करें तो इस समय मालपुआ 480 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. इसका लाजवाब स्वाद विदेशी पर्यटकों को भी दीवाना बना देता है. यहां आने वाले पर्यटक इसे पैक कराकर अपने साथ ले जाते हैं, जिससे पुष्कर में इनकी खपत भारी मात्रा में होती है.
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