
प्रयागराज में लोकनाथ की गली स्थित है. यहां मिलने वाली स्थानीय मिठाइयों का स्वाद लाजवाब है. यह गली 500 वर्ष पुरानी है. यहां मिलने वाली मिठाइयों का स्वाद विदेश तक जाता है.

प्रयागराज की लोकनाथ गली का मशहूर अनारसे की गोली का स्वाद एक बार लेने वाला कभी नहीं भूलता. ₹200 किलोग्राम मिलने वाली या मिठाई चावल और चीनी से बनाया जाता है. जिसमें आपको प्रयागराज के देसी पान का अंदाज भी मिलेगा.

इस गली का मशहूर अफगानी करेला मैदा और बाबा आदम के जमाने के पुराने मसले से बनाया जाता है. जो ₹280 किलोग्राम मिलता है. इस मिठाई का जैसा नाम है. वैसे कड़वा भी होता है. यह महीना तक रखने के बाद भी खराब नहीं होता है. इसमें किसी प्रकार के रासायनिक चीजों का प्रयोग नहीं किया जाता है.

इस मिठाई का नाम है मक्खन का बतीसा. यह मिठाई केवल आपको प्रयागराज की लोकनाथ की गली में ही मिलती है. लोकल 18 के माध्यम से दिनेश बताते हैं कि जब मौसम ठंडा होने लगता है तो इस मिठाई को तैयार किया जाता है जिसे शुद्ध दूध से मक्खन निकालकर बतीसा बनाया जाता है बाजार में इसकी कीमत ₹600 प्रति किलोग्राम है.

समोसा आपको भारत के लगभग सभी शहरों में मिल जाएगा लेकिन समोसे प्रयागराज में मिलेगा. इसे तैयार करने का मसाला काफी अलग होता है और इसे 280 रुपए किलो मैं खरीद सकते हैं. इस मिठाई को लोग विदेश में भी लेकर जाते हैं. महीना भर खराब ना होना इसकी विशेषता है.

लगभग 300 वर्ष पुरानी दिनेश की दुकान पर आपको विभिन्न प्रकार की मिठाइयों के देसी पान मिल जाएगा. उनके यहां के कारीगर पिछले चार पीडिया से यही पर काम कर रहे हैं. प्रयागराज के स्वाद को लोगों तक पहुंचा रहे हैं.

घेवर तो उत्तर प्रदेश के कई शहरों में मिल जाएगा लेकिन प्रयागराज का स्वाद नहीं मिल पाएगा. इसे मैदा दूध चीनी और बादाम से बनाया जाता है बाजार में ₹400 किलोग्राम मिलता है. इसका स्वाद लेने के बाद आप फिर से इसी को खाने के लिए खोजेंगे.

इस मिठाई का भी नाम अनरसा है. चावल और चीनी से तैयार किया जाता है. लेकिन लोगों के डिमांड के अनुसार इस साइज में बड़ा और आकर्षक बनाया जाता है. इसकी कीमत 180 रुपए किलो है. स्वाद में लाजवाब और खाने में थोड़ा कुरकुरापन होता है.

प्रयागराज की लोकनाथ की गली में मिलने वाला यह लड्डू अन्य लड्डू से काफी अलग होता है. इसमें एक लड्डू की साइज क्रिकेट के एक गेद जितनी होती है. और यह महीना खराब नहीं होता है. इस देसी घी में तैयार किया जाता है. इस लड्डू के बूंदी भी काफी बड़े-बड़े होते हैं.

प्रयागराज में चौक घंटा घर के पास ही स्थित है लोकनाथ की गली. यह गली एक ऐतिहासिक गली है. जहां से क्रांतिकारी की बिगुल फोकी जाती थी वहीं आधुनिक काल के भारत से यह प्रयागराज की मुख्य बाजार में से एक है.
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