
पारंपरिक गढ़वाली काफली बनाने (Uttarakhand Traditional Dish) के लिए सबसे पहले आपको चाहिए 500 ग्राम ताजा पालक. अगर आपको पहाड़ी पालक मिल जाए, तो स्वाद और पौष्टिकता दोनों में चार चांद लग जाएंगे, लेकिन देशी पालक से भी यह डिश शानदार बनती है. स्वाद और सेहत का तड़का लगाने के लिए 4 से 5 लहसुन की कलियां, अदरक का छोटा टुकड़ा और 2 हरी मिर्च लें.
ये सभी सामग्रियां पालक को पीसते वक्त उसके साथ मिक्स की जाएंगी, जिससे उसका स्वाद और भी उम्दा हो जाएगा. काफुली में एक खास मोड़ आता है जब उसमें आधा कप बेसन मिलाया जाता है. यह बेसन न सिर्फ ग्रेवी को गाढ़ा करता है, बल्कि इसमें एक देसी गहराई भी जोड़ता है. इसके अलावा, प्याज, टमाटर, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी, धनिया पाउडर और नमक इसमें चार चांद लगा देते हैं.
पालक को अच्छे से साफ कर लें और 4-5 बार ठंडे पानी में धो लें, फिर पानी उबालें और उसमें पालक के साथ लहसुन डालकर ढक दें. 5 मिनट बाद गैस बंद कर दें और पालक को ठंडा होने दें.
2. बेसन का घोल तैयार करें
एक बाउल में बेसन और थोड़ा पानी डालकर स्मूद घोल बना लें. ध्यान रखें, घोल न ज्यादा पतला हो न गाढ़ा.
उबले पालक, लहसुन, अदरक और हरी मिर्च को ग्राइंडर में डालकर महीन पेस्ट बना लें, क्योंकि ये आपके काफुली को बेहद ख़ास बनाता है.
4. मसाला भूनना
कढ़ाही में तेल गरम करें. प्याज डालकर सुनहरा भूनें, फिर टमाटर डालें. जब टमाटर गल जाएं तो मसाले (लाल मिर्च, हल्दी, धनिया पाउडर और नमक) डालें और धीमी आंच पर 15 मिनट पकाएं.
अब बेसन का घोल डालें और लगातार चलाते रहें, जिससे गांठें न पड़ें और बेसन कढ़ाही में चिपके नहीं. इसके बाद, पालक का पेस्ट ग्रेवी में डालें और ढककर 10 मिनट पकाएं. फिर 2 कप पानी डालें और 5 मिनट तेज आंच पर हिलाएं.
अब गैस धीमी करें और 2-3 मिनट तक पकने दें. आपकी गर्मागर्म और पौष्टिक गढ़वाली काफली तैयार है. काफली का असली मजा गरम भात (चावल) के साथ आता है. इसे घर पर बनाकर आप भी महसूस कर सकते हैं पहाड़ की मिट्टी की सौंधी महक और स्वाद. अगर आपको यह पहाड़ी रेसिपी पसंद आई हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर जरूर करें.
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