नींबू का अचार भारतीय रसोई की एक बेहद पसंद की जाने वाली रेसिपी है. इसकी खट्टी-तीखी खुशबू और चटपटे स्वाद से भूख खुद-ब-खुद बढ़ जाती है. लेकिन जब बात आती है दक्षिण भारतीय स्टाइल की नींबू अचार की, तो यह स्वाद, सेहत और परंपरा का एक अनोखा संगम बन जाता है. इस अचार में मसालों का जो तड़का लगता है, वह न केवल जीभ को ललचाता है बल्कि पाचन क्रिया में भी मदद करता है. दक्षिण भारत में इस अचार को खास मसालों और तकनीक से तैयार किया जाता है जो इसे दूसरे अचारों से अलग बनाता है.
इस रेसिपी की शुरुआत होती है ताजे, रसदार और बिना दाग-धब्बे वाले नींबुओं के चुनाव से. नींबू जितना ताजा होगा, अचार उतना ही स्वादिष्ट और लंबे समय तक टिकाऊ होगा. नींबू को काटने से पहले अच्छे से धोकर सूखा लेना बहुत जरूरी होता है ताकि अचार जल्दी खराब न हो. नींबू को छोटे टुकड़ों में काटा जाता है और उसके बीजों को निकाल दिया जाता है क्योंकि बीज अचार को समय के साथ कड़वा बना सकते हैं. इसके बाद इन टुकड़ों को कुछ घंटों के लिए नमक के साथ रख दिया जाता है ताकि नींबू थोड़ा नरम हो जाए और उसमें मसालों का स्वाद अच्छे से समा सके.
अब आती है मसाले तैयार करने की बारी. दक्षिण भारतीय अचार में सबसे अहम होता है तेल, खासतौर पर तिल का तेल, जिसे कड़ाई में गर्म किया जाता है. इस गर्म तेल में सबसे पहले राई, मेथी दाना, हींग और करी पत्ते डाले जाते हैं. इनसे जो खुशबू आती है, वह रसोई को महका देती है. इसके बाद लाल मिर्च पाउडर, हल्दी और नमक जैसे मसाले डाले जाते हैं. जब मसाले तेल में अच्छे से भून जाएं तो इसमें नींबू के टुकड़े डाल दिए जाते हैं. धीमी आंच पर इसे कुछ देर पकाया जाता है ताकि मसाले नींबू में अच्छे से समा जाएं. इस प्रक्रिया के दौरान यह ध्यान रखना जरूरी है कि नींबू ज्यादा न गल जाए, वरना उसका टेक्सचर खराब हो सकता है.
अचार पक जाने के बाद इसे ठंडा कर एक साफ, सूखे कांच के जार में भर कर कुछ दिन धूप में रखा जाता है. इससे अचार का स्वाद और गहराता है और वह लंबे समय तक खराब नहीं होता. इस अचार की खास बात यह है कि इसमें डाले जाने वाले मसाले जैसे मेथी, हींग, और सरसों दाना न केवल स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाते हैं. यह अचार विटामिन C से भरपूर होता है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.
दक्षिण भारतीय नींबू का अचार पराठा, चावल, डोसा, इडली, उपमा या किसी भी खाने के साथ खूब जमता है. इसकी तीखी खुशबू और चटपटा स्वाद हर बोरिंग थाली को भी खास बना देता है. एक बार इसे घर पर बना लिया जाए, तो बाजार के अचार भूल जाएंगे. ऊपर से अगर इसे धूप में रखा जाए तो इसका रंग और स्वाद दोनों ही बेहतरीन हो जाते हैं. इस अचार को बनाने में ज्यादा मेहनत नहीं लगती, लेकिन इसका स्वाद लंबे समय तक जुबान पर बना रहता है.